“आदिवासी परंपराओं का दस्तावेजीकरण: झारखंड में नई पहल”
जमशेदपुर: आदिवासी समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल शुरू की गई है। पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार और झारखंड सरकार के पंचायत राज विभाग द्वारा संयुक्त रूप से क्रियान्वित ‘हमारी परंपरा-हमारी विरासत’ अभियान के तहत आदिवासी समुदायों की परंपराओं और रीति-रिवाजों का दस्तावेजीकरण किया जा रहा है।

पूर्वी सिंहभूम जिले के धालभूमगढ़, चाकुलिया और बहरागोड़ा प्रखंड के 27 गांवों में इस पहल को शुरू किया गया है, जहां ग्राम स्तर पर टीमों का गठन किया जा रहा है। चाकुलिया प्रखंड के कुचियाशोल गांव में एक समिति का गठन किया गया है, जिसमें नौ सदस्यों को जिम्मेदारी दी गई है।
इस समिति में महीराम सोरेन, मेघराय मार्डी, बरिसा मुर्मू, सुनील मुर्मू, लखाई मुर्मू, किशुन सोरेन, विजय बल्लभ टुडू, महाचंद हांसदा और पूर्णचंद मुर्मू शामिल हैं। समिति का गठन राज्य स्तरीय समन्वयक पंचानन सोरेन और प्रोफेसर श्याम मुर्मू की देखरेख में किया गया।
इस पहल का उद्देश्य आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दस्तावेजीकरण करना और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है।