विशु शिकार के दौरान वन्य प्राणी की सुरक्षा हेतु वन विभाग सतर्क

चांडिल में आज सोमवार को आदिवासियों द्वारा दलमा के घने जंगलों में पारंपरिक विशु शिकार (सेंदरा पर्व) मनाया जाना है। जंगली जानवरों का किसी भी हाल में शिकार नहीं होने देने के लिए वन विभाग ने पुख्ता तैयारी की है।

वन विभाग के आला अधिकारी के नेतृत्व में दिन भर गश्ती दल विभिन्न क्षेत्रों में गस्त करते रहे। दलमा की तलहटी में प्रवेश रोकने के लिए 17 चेकनाके बनाए गए हैं और इन बिंदुओं पर वनकर्मियों की तैनाती की गई है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि सेंदरा के दौरान यदि किसी वन्य प्राणी का शिकार हुआ तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा और कड़ी सजा का प्रावधान लागू होगा।
वन विभाग ने अपील की है कि सेंदरा को सांस्कृतिक और धार्मिक महापर्व के रूप में मनाएं और पारंपरिक हथियारों तक ही सीमित रहें। इस वर्ष दलमा रेंज को पांच जोन में बांटा गया है और हर जोन में अलग-अलग प्रभारी नियुक्त किए गए हैं।
55 से अधिक वनकर्मियों और भारतीय वन सेवा के 10 तथा राज्य वन सेवा के 2 अधिकारियों को अभियान में शामिल किया गया है। इस बार तीन हजार से अधिक सेंदरा वीर दलमा के जंगलों और उसके आसपास के इलाकों में पहुंचेंगे।
वन विभाग के अनुसार, इस बार के जागरूकता अभियान का व्यापक प्रभाव देखने को मिल रहा है और विशु शिकार में शामिल होने वाले सेंदरा वीरों में भारी कमी आई है। दलमा पश्चिम रेंजर दिनेश चंद्रा ने बताया कि बीते तीन माह से चल रहे जागरूकता अभियान का सकारात्मक परिणाम इस वर्ष देखने को मिल रहा है।
