मौसम का खेल जारी, हजारीबाग में धूप-बारिश की लुका-छिपी

बदलते मौसम ने बढ़ाई शहरवासियों की परेशानी, डॉक्टरों ने दी स्वास्थ्य संबंधी चेतावनी

हजारीबाग शहर में बीते कुछ दिनों से मौसम लगातार करवट बदल रहा है। दिन में चिलचिलाती धूप के बाद शाम होते-होते अचानक तेज बारिश शुरू हो जाती है, जिसके साथ बिजली की तेज गड़गड़ाहट भी सुनाई देती है। यह परिवर्तनशील मौसम न केवल वातावरण में अस्थिरता ला रहा है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। घरों में अंधेरा छा जाता है और मूसलाधार बारिश की आवाज़ पूरे माहौल को भयाक्रांत कर देती है। यह स्थिति लगातार 3 से 4 दिनों से बनी हुई है, जिससे आमजनजीवन प्रभावित हुआ है।
इस बदले हुए मौसम का सबसे अधिक असर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों पर पड़ रहा है। सड़कों पर जलजमाव, वातावरण में उमस, कीट-पतंगों की सक्रियता और एलर्जी कारक तत्वों की अधिकता ने बीमारियों की आशंका को बढ़ा दिया है।
इस विषय में बताया कि डॉ. अमित कुमार ने बताया कि वर्तमान मौसम में विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है। बच्चों में एलर्जी, सर्दी, खांसी और बुखार जैसी शिकायतें बढ़ रही हैं। कीचड़ और गंदगी के कारण संक्रमण फैलने का खतरा भी अधिक हो गया है। जमीन से निकलने वाले कीड़े-मकोड़े, विशेषकर बारिश के दौरान, बच्चों के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं। इसलिए साफ-सफाई बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। डॉ. अमित कुमार ने बताया कि बुजुर्गों को इस मौसम में और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि पुरानी बीमारियां जैसे अस्थमा, जोड़ों का दर्द और सांस की तकलीफ पुनः सक्रिय हो जाती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अत्यधिक बारिश के दौरान जब तक कोई अति आवश्यक कार्य न हो, तब तक घर से बाहर निकलने से बचें। बारिश में भीगने से सर्दी-ज़ुकाम व बुखार की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। डॉक्टर ने यह सलाह दी कि बच्चों को गीले कपड़ों में न रहने दें, घर में नमी न जमने दें, पीने के लिए उबला हुआ या फिल्टर किया हुआ पानी उपयोग करें और खानपान में हल्का एवं सुपाच्य भोजन शामिल करें। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय जैसे हल्दी वाला दूध या गर्म काढ़ा लाभकारी हो सकता है। अंत में डॉ. अमित कुमार ने शहरवासियों से अपील की बदलते मौसम को हल्के में न लें, सावधानी ही इस समय की सबसे बड़ी सुरक्षा है।