Ban on Cotton Candy, here is the reason-बच्चों को खिलाते है कॉटन कैंडी तो सावधान, रिसर्च में मिला कुछ ऐसा सुन के रह जाएँगे दंग
रिपोर्ट- Dashrath Pradhan( CE)
Alert:- बुढ़िया के बाल नाम से मशहूर रूई की मिठाई हर किसी की पसंदीदा मिठाई है। बचपन का वो दौर याद आपको ज़रूर होगा जब भरी दोपहर में घंटी की आवाज़ सुनते ही हम माँ से 1 रुपया माँगकर लड्डू वाले के पास जाकर किसी दिन लाल लड्डू तो किसी दिन पीला लड्डू ख़रीद लाते थे और बड़े ही मज़े से खाते थे। आज गाँव में वो घंटी सुनने को नहीं मिलती लेकिन अकसर मॉल में, बाज़ार में, मेला में बच्चे खाते हुए नज़र आ जाते है ।
रूई की मिठाई को पसंद करने वालों के लिए ये एक बुरी खबर हो सकती है दरअसल तमिलनाडु सरकार ने रंगीन बुढ़िया के बाल (कॉटन कैंडी) रंगीन रूई की मिठाई की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि इसमें कैंसर पैदा करने वाला केमिकल रोडोमाइन-बी पाया गया है। यह रोक खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के केमिकल की मौजूदगी की पुष्टि के दो दिन बाद आई है।
बात करे रोडोमाइन-बी केमिकल का तो इसका इस्तेमाल आमतौर पर कपड़ा उद्योग में किया जाता है। ज्ञांत हो की इसी महीने की शुरुआत में पुडुचेरी में भी कॉटन कैंडी पर प्रतिबंध लगाया गया था, जब इसमें यही केमिकल पाया गया था।
स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने इस प्रतिबंध की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कैंडी बनाने वालों, विक्रेताओं और ग्राहकों के बीच रंगीन कैंडी में मौजूद हानिकारक रसायनों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।
बिना रंग वाली कॉटन कैंडी नहीं है हानिकारक
सुब्रमण्यम ने जोर देकर कहा कि रंगीन कैंडी भले ही स्वादिष्ट लग सकती है, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। एक बार जागरूकता पैदा हो जाने के बाद, खाद्य सुरक्षा अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि केवल रंग-मुक्त रूई की मिठाई ही बेची जाए।
राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के एक बयान पर लिए गए थे सैंपल
कॉटन कैंडी में रोडोमाइन-बी की खोज तब हुई जब पुडुचेरी की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन के एक बयान के बाद सत्यापन के लिए सैंपल लिए गए। गिंडी में सरकारी खाद्य विश्लेषण प्रयोगशाला में जिन सैंपलों का परीक्षण किया गया, उनमें पाया गया कि गुलाबी कैंडी में रोडोमाइन-बी है, जबकि नीली कैंडी में रोडोमाइन-बी और एक अज्ञात रसायन है। खाद्य विश्लेषकों ने दोनों नमूनों को घटिया और असुरक्षित माना।