कुडमी महतो को मिले हक़-अधिकार, भाषा का हो संग्रक्षण अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करे सरकार- कुड़मी सेना केंद्रीय अध्यक्ष लाल्टू महतो
Ranchi:- आगामी 25 फरवरी 2024 को सरकार से टोटेमिक कुड़मी/कुरमी महतो को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करने और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर हुंकार महारैली का आयोजन किया गया है
कुडमी सेना (टेटोमेक) केंद्रीय अध्यक्ष लाल्टू महतो ने इस हुंकार रैली को लेकर पोस्टर जारी करते हुए कहा कि इस महा रैली की तैयारी युद्ध स्तर पर जारी है।आगे उन्होंने कहा कि 25 फरवरी 2024 को मोरहाबादी मैदान रांची में आयोजित कुड़मी हुंकार महारैली ऐतिहासिक होगा। ये रैली के माध्यम से हमारी सरकार से यही माँग रहेगी की टोटेमिक कुड़मी/कुरमी महतो को अनुसूचित जनजाति की सूची में सूचीबद्ध करे और कुड़माली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करे। इस महा रैली में प्रदेश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में कुड़मी समाज के लोग अपने पारंपरिक वेशभूषा, पारंपरिक नाच-गाना, छऊ नाच, झुमर नाच, पता नाच, नटुवा नाच, घोड़ा नाच एवं गाजा बाजा के साथ शामिल होंगे, इसके लिए व्यापक तैयारी ग्रामीण स्तर पर वृहद रूप से की गई है। अनुमानित इस महारैली लगभग पांच लाख की संख्या में समाज के लोग शामिल होंगे।
बता दें की बीते कई सालों से कुडमी समाज इन माँगो को लेकर सघर्षरत है। गत वर्ष भी अपनी मांगों को लेकर पश्चिम बंगाल के कुड़मी संगठनों ने खेमाशोली स्टेशन में रेल टेका-डहर छेंका आंदोलन चलाया था। इससे कई दिनों तक रेल व सड़क पर परिचालन पूरी तरह ठप्प हो गया था। पुनः आंदोलन बीते 20 सितंबर को झारखंड के नीमडीह व मुरी स्टेशन में किया गया जिसे आसवासन के बाद ख़त्म किया गया था।