जमशेदपुर MP सीट पर कुड़मीयों का दबदबा क़ायम, बीजेपी ने तोड़ी सबकी वहम
Desk(Dashrath Pradhan, CE)
BJP ने लोकसभा चुनाव 2024 उम्मीदवार की सूची जारी कर दी इसके साथ विद्युत को टिकट देकर तमाम लोगों का वहम भी तोड़ दिया है, जमशेदपुर कुड़मीयों का गड़ रहा है और यहाँ ग़ैर कुड़मी की कोई सिक्का नहीं चलती।
BJP की सूची आने के बाद झारखंड के घठबंधन सरकार की सूची को लेकर चर्चा का बाज़ार गर्म है। सिंगभूम सीट को लेकर JMM का दावेदारी पहले से ही रही है, और सांसद गीता कोड़ा के BJP में शामिल होने से JMM का रास्ता साफ़ होता हुआ नज़र आ रहा है। इसको लेकर CM चंपई सोरेन ने भी कह दिया है।
अब बात करे जमशेदपुर लोकसभा सीट की तो ज़ाहिर सी बात है ये कांग्रेस के झोली में जाएगी। लेकिन अब बड़ी सवाल ये है कि कौन होगा कांग्रेस का उम्मीदवार?
कांग्रेस का कौन हो सकता है वो कुड़मी चेहरा जिसपर घठबंधन लगा सकता है दाव?
अब तक ये बात स्पष्ट है कि जमशेदपुर की सीट को कुड़मी उम्मीदवार ही भेद सकता है। तो एसे में एक ही प्रमुख चेहरा सामने अता है व है लाल्टू महतो।
जिस तरह भारत देश में राजनीति बदली है आज के युवा तेज़-तरार दहाड़ मारने वाला का नेता चाहते है, एसा नेता जिसकी आवाज़ सदन में गूंजे। हक़-अधिकार की बात करे, समाज से जिसकी लगाव हो समाज के लोगो से प्यार हो। और इन सभी पैमानों पर लाल्टू महतो खरा उतरते है।
कौन है लाल्टू महतो, समाज में क्या है योगदान?
लाल्टू महतो कांग्रेस के सांसद प्रतिनिधि रहे है, पार्टी के प्रति उनकी लगाव और प्रेम उनकी कार्यों से झलकता है।
दिंदली बस्ती आदित्यपुर में उनका जन्म हुआ और यही उनकी निवास स्थान भी है। उनके पिता स्व अजीत महतो,
अपने जीवन समाज के हित में लगा दिए, इनका आवास तमाम राजनीतिक दल के नेताओं-क्रांतिकारियों का विचार
स्थान माना जाता था। कहा जाता है कि सीएम चंपई सोरेन, पूर्व सांसद कृष्ण मारडी, शैलेंद्र महतो जैसे क़द्दावर नेताओं का राजनीति जीवन इनके आवास से शुरू हुआ, JMM संस्थापक बिनोद बिहार महतो इनके परिवार के करीबी रहे है। जिसका प्रभाव लाल्टू महतो पर पड़ा और छोटी से उम्र से ही समाज के हक़-अधिकार के लिए लड़ाई शुरू कर दी। समय के साथ समाज में पहचान मिला और आज कुड़मी सेना केंद्र अध्यक्ष के रूप में सेवा कर रहे है।
दिल्ली जंतरमंत्र में, रेल रोको आंदोलन में, घाघर घेरा में, हुंकार रैली राँची में इनका अहम योगदान रहा।
समाज की कला-संस्कृति, भाषा, परब की संग्रक्षण के लिये और हक़ अधिकार के लिए हमेसा आवाज़ उठाते रहे है। इसके साथ जमशेदपुर सहर में अपनी डूबती कला संस्कृति को स्थापित करने के लिए लाल्टू महतो ने ऐतिहासिक डहरे टूसू लगाकर सामाज को नई पहचान भी दिलाई।
कुड़मी समाज के अलावा अन्य समाज में भी इनका प्रभाव रहा है, संकृतन, फुटबॉल प्रतियोगिता, छऊ निर्त्य जैसे सामाजिक कार्यक्रम इनके द्वारा किया जाता रहा है।
क्यों लाल्टू हो सकते है जमशेदपुर लोक सभा के सही उम्मीदवार
कुड़मी फ़ैक्टर, अपनी समाज के साथ अन्य समाज में भी अपनी छाप, राजनीतिक ज्ञान, तेज़-तरार युवा होने के साथ-साथ बेबाक़ी से अपनी बात कुछ एसे फैक्टर है जो लाल्टू को अलग बनाती है।
लाल्टू महतो ने क्या कहा?
इस विषय में लाल्टू महतो ने बताया कि सामाज हित में व लगे हुए है पार्टी यदि उन्हें मौक़ा देती है तो व ज़रूर चुनाव लड़ेंगे।