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राजनगर प्रखंड के नेटो में चड़क पूजा के साथ टांगा रजनीफुड़ा और गाजाडांग का आयोजन

राजनगर :-नेटो गाँव में प्रत्येक वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्राकृतिक घटा से परिपूर्ण चौरा पहाड़ की गोद में अवस्थित गांव नेटो में बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मानभूम शैली की छ:ऊ नृत्य एवं टांगा रजनीफुड़ा का आयोजन किया गया।

भोक्ता देर रात गाजे बाजे के साथ तालाब पहुंचे , वहां स्नान कर शिव शक्ति की आराधना को समर्पित यात्रा घट आयोजित की गई , यात्रा घाट लाया गया। भोक्ताओं गरियाभार का पूजन कर क्षेत्र व गांव की खुशहाली की कामना की।नसिव कुमार महतो ने कहा कि चारों युगों का समावेश देखने को मिलता है, शिव शक्ति को समर्पित यात्रा घट अर्थात प्रारंभ घट , धार्मिक अनुष्ठान सत्य युग का वृतांत है।

वृन्दाबनी घट त्रेता युग व गरियाभार द्वापर युग का वृतांत है तथा कलिका घट को कामना घाट भी कहा जाता है जो कलियुग को दर्शाता है छःऊ नृत्य शैववाद , वैष्णव वाद में पाए गए धार्मिक विषयों पर आधारित लोकनृत्य के साथ किया गया। कलाकारों ने गणेश वंदना , महिषासुर बोध , हर पार्वती , कृष्ण लीला , जरा सिंधु , अभिमन्यु बोध,सिदो कान्हू आदि छःऊ नृत्य प्रस्तुत कर सबका मनमोह लिया एवं मंत्र मुग्ध कर दिया।

प्रसिद्ध छःऊ जय छःऊ छःऊ नृत्य एकेडमिक पुरुलिया उस्ताद संजय बारिक , मुकेश छःऊ नृत्य महासागर पुरुलिया उस्ताद नरेन महतो पुरुलिया के कलाकारों ने एक से एक बढ़कर छःऊ नृत्य का प्रदर्शन किया। छःऊ नृत्य का आनंद उठाने के लिए दूध दराज गांवों से पहुंचे हजारों लोगों की भीड़ सुबह तक रही । टांगा रजनीफुड़ा का भी आयोजन किया गया। मन व आत्मा की शांति के लिए शरीर को बेहद कष्ट देने वाली परंपरा है विधिवत मंत्र उच्चारण के साथ पूजा अर्चना के बाद मनोकामना पूर्ण होने पर शिव भक्त ने अपने पीठ पर लोहे के हुक को चमड़े में आर पार कर कर हट भक्ति का प्रदर्शन किये। चिड़चिड़ाती धूप में भोक्ता वटांगा रजनीफुड़ा को हजारों दर्शकगण लुफ्त उठाया। गांव के भोत्ताओं ने 70 फीट ऊंची लकड़ी के बने खंबे में झूलकर आस्था की मिसाल पेश की। शिव भक्त जलते हुए आग के अंगारों के ऊपर चलकर हट भक्ति दिखाई।छःऊ व मेला को सफल बनाने में समिति के सदस्य एवं ग्रामवासी का सहरनीय योगदान रहा।

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