Saraikella Laddu losing it’s fame- देश भर में प्रसिद्ध सरायकेला की लड्डू खो रही अपनी पहचान
Saraikella- ‘लैंड ऑफ़ छऊ’ कहे जाने वाला सरायकेला ज़िला अपनी लड्डू को लेकर देश भर में प्रख्यात है। बाज़ार के राजमहल रोड स्थित मिष्ठान भंडार ने अपने पतली सेव, संतुलित मीठापन और इलाइची ख़ुशबू से लोग के दिल में जगह बना पाई है, चाहे कोर्ट की काम से आय लोग या फिर ज़िला घूमने सभी यहाँ की प्रसिद् लड्डू खाते है और 1-2 केजी अपने साथ लेकर जाते है। अनुमानित हर दिन मिष्ठान भंडार 800 से 1000 केजी लड्डू बेचती है।
अब नहीं रहा वो सवाद वो पहचान
कागज़ से बनी मिठाई के डब्बे रबर बैंड के जगह धागा का इस्तेमाल भले ही आपको इस मिठाई की विरासत की याद दिलाएगी लेकिन मिठाई की गुणवत्ता में भारी कमी आई है।
सस्ता डालडे का उपयोग से अब एक दिन बासी लड्डू सख़्त हो जाती है, स्वाद भी ख़त्म हो जाती है, लड्डू सफ़ेद सफ़ेद दिखने लगते हैं। यू कहे मिष्ठान भंडार अब सिर्फ़ बिक्री और मुनाफ़े पर ध्यान टिकाई हुई है। लंबे समय से लोगो के दिलो में जगह बना चुकी मिठाई इतनी जल्दी तो दिल से नहीं उतरेगी यही कारण है कि गुणवत्ता में इतनी गिरवाट के बाद भी मिष्ठान भंडार के बिक्री में कुछ ख़ास गिरवाट नहीं देखी जा रही है।
हालांकि ज़िला के बाज़ार में कई और मिठाई भंडार है जो
मिष्ठान भंडार से बेहतर और ब्रांडेड तेल के उपयोग से लड्डू बना रहे है लेकिन लंबे समय से अपनी वर्चस्व क़ायम रखने वाले मिष्ठान भंडार को मात नहीं दे पा रहे है। बाज़ार के शिव मंदिर स्थित मिठाई दुकान के संचालक से हमने बात की उन्होंने कहा कि लड्डू से हमारे ज़िला की पहचान है इसलिए हम लोगो को वही पुराना स्वाद देने के लिए अच्छी ब्रांड की तेल का इस्तेमाल करते है, भले मुनाफ़ा कम हो। धीरे धीरे लोगो को समझ आ रही है।लोग दोबारा आ रहे है।
उपभोक्ता ने जताई नाराज़गी
जमशेदपुर के एक लड्डू प्रेमी ने बताया कि मेरे पिताजी जब भी सरायकेला जाते थे हम लड्डू लाने को कहते थे, पिताजी का लाया लड्डू घर पर कई दिन रख कर हम उसका सेवन करते थे, लेकिन आजकल एसा नहीं हो पाता, गरम गरम लड्डू की सवाद अच्छी रहती है फिर लड्डू शक्त हो जाती है और स्वाद भी ख़त्म हो जाता है।मैंने अब मिष्ठान भंडार से लड्डू लाना बंद कर दिया है। दुख होता है कि आजकल मुनाफ़ा के लिए लोग अपनी पहचान खो रहे है।