स्थानीय नीति के बैगर बहाली निकलना झारखंडी छात्रों के साथ धोखा : दुर्गालाल
राजनगर :-के पूर्व प्रत्याशी दुर्गालाल मुर्मू ने प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि झारखंड में बिना स्थानीय नीति परिभाषित किए ही विभिन्न विभागों में सरकार द्वारा निकाली जा रही बहाली झारखण्डी छात्रों के साथ धोखा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि आखिर इन बाहलियों में झारखंडी छात्रों का कितना भला होगा। झारखंड में आज तक जो भी बहाली हुईं हैं। वह बगैर स्थानीय नीति की हुईं हैं, जिससे झारखंडी छात्रों का हक यूपी बिहार वाले मार रहे हैं।
जबकि झामुमो ने चुनाव में वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आयी तो झारखंड में 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू कर पांच लाख युवाओं को नौकरी देंगे। सरकार में रहते 5 साल बीतने को है। लेकिन सरकार झारखंड में स्थानीय नीतू लागू नहीं कर पाई। अब चुनाव नजदीक आते देख सरकार विभिन्न विभागों की बहालियां निकाल रही हैं। मगर किस नीति के तहत यह बहाली निकल रही है। सरकार बताये। स्थानीय का कट ऑफ़ डेट क्या है? स्पष्ट करें। अगर कोई नीति ही स्पष्ट नहीं है तो अविलम्ब सारे बहाली रद्द करें और स्थानीय नीति को परिभाषित करते हुए बहाली निकाले। ताकि जिस उद्देश्य से झारखंड राज्य बना। यहां के लोगों को अधिक से अधिक रोजी- रोजगार और नौकरियां मिल सके। वरना जैसे पहले नौकरियों में बाहरी घुस रहे थे। अभी भी घुसेंगे और झारखंड के युवा बेरोजगार रहेंगे। यह झारखंड की युवाओं के साथ अन्याय है। अगर सरकार बहालियां रद्द नहीं करती हैं तो झारखंड के युवा फिर से जोरदार आंदोलन करेंगे।