कस्तूरबा आवासीय विद्यालय के अंशकालिक शिक्षक सह कर्मी संघ ने विधायक को सौंपा ज्ञापन
खरसावां (पंकज महतो):- के कस्तूरबा गांधी अंशकालिक शिक्षक सह कर्मी संघ ने खरसावां विधायक दशरथ गागराई से मुलाकात की. इस दौरान संघ के माध्यम से अंशकालिक शिक्षकों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए मांग पत्र सौंपने का काम किया.
मांग पत्र के माध्यम से अंशकालिक शिक्षकों ने सरकार से मांग की है कि, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय और झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय और अंपग्रेड cm school of excellence पीएम श्री विद्यालय में कार्यरत अंशकालिक घंटी आधारित शिक्षक शिक्षिकाओं को नियमित शिक्षक के रूप में मासिक मानदेय के अंतर्गत लाया जाए,घंटी आधारित अंशकालिक विलोपित करते हुए एक नया सम्मानजनक नाम दिया जाए,16 CL sl pf का प्रावधान सुनिश्चित किया जाए,महिला शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश का लाभ दिया जाए, 2016 में झारखंड शिक्षा परियोजना के परियोजना निदेशक के पत्रांक DP/49/09/180 दिनांक 10.2.2016 में संशोधन करते हुए झारखंड सरकार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के अनुसार विषय वार शिक्षक की व्यवस्था दी जाए, CM स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में कार्यरत शिक्षक शिक्षिकाओं के अतिरिक्त जो रिक्त पद हैं रिक्त पद पर प्रतिनियोजन किया जाए, शिक्षक शिक्षिकाओं को CM स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस के अंतर्गत उनका प्रशिक्षण दिया जाए उनको हटाया नहीं जाए,महिला पुरुष के आधार पर भेदभाव समाप्त हो और सबों को शिक्षक के रूप में सम्मान मिले, सरकारी नियुक्तियों में 50% आरक्षण सेवा के आधार पर मिले पूरे राज्य को एक नियम से शासित किया जाए और मानदेय जिला स्तर से निर्धारित हो, जिनकी नौकरी की उम्र सीमा सेवा देते देते समाप्त हो गई है उन्हें उम्र सीमा में छूट 10 वर्षों की छूट दी जाए, कोरोना कल से लेकर अब तक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर या येन केन प्रकार से किसी भी शिक्षक शिक्षिकाओं जिनको हटाया गया है उनका सम्मान पूर्वक वापस लिया जाए झारखंड की माननीय कैबिनेट ने जो 20% वेतन वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत किया था
वह सभी को सम्मान रूप से एरियर के रूप में भुगतान किया जाए और इसमें जो धांधलि और मनमानी हुई उसकी जांच हो, परीक्षा मूल्यांकन माध्यमिक और उच्च माध्यमिक में हम लोगों को भी शामिल किया जाए चुनाव ड्यूटी और जनगणना इत्यादि कार्यों में हम लोगों को भी लगाया जाए, इस बीच विधायक दशरथ गागराई ने भी अंशकालिक शिक्षकों की मांगों को जायज बताते हुए जल्द ही राज्य के शिक्षा मंत्री से मुलाकात करने की बात कही.
साथ ही यह भी कहा कि सभी शिक्षक झारखंड के हैं और झारखंड में उनको सम्मान मिलना जरूरी है. साथ ही साथ उन्हें उचित मानदेय भी सरकार के माध्यम से मिले.