भारतवर्ष का महान संविधान ही भारतवर्ष का गौरव _____ सुधीर कुमार पप्पू
भारत वर्ष में हर साल 26 नवंबर के दिन को राष्ट्रीय संविधान दिवस के रूप मे मनाया जाता है। यह दिन साल 1949 में पहली बार भारतीय संविधान को अपनाए जाने का प्रतीक है, जोकि 2 साल, 11 महीना, 18 दिन में बनकर तैयार हुआ था।
26 जनवरी 1950 को संविधान लागू हुआ,जिससे भारत एक संप्रभु गणराज्य बन गया।संविधान सिर्फ किताब नहीं हैं,भारतीय सांस्कृतिक, सामाजिक और संवैधानिक परम्पराओं का अभिमान हैं,स्वाभिमान हैं,देश का गौरव है,हम अपने संवैधानिक परम्पराओं और मूल्यों का सच्चे अंतःमन,निष्ठा और नैतिकता के साथ पालन करेंगे यही आज के दिन शपथ लिया जाता है।इसी क्रम मे जमशेदपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता समाजसेवी एवं सोनारी शांति समिति का सचिव सुधीर कुमार पप्पू निजी आवासीय कार्यालय पर अपने सहयोगियों एवं प्रिय जनों के साथ हमारे संविधान के प्रमुख शिल्पकार डॉ भीमराव अंबेडकर के अविस्मरणीय विरासत का सम्मान किया यह दिन हमें न्याय स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व के उन आदर्शों की याद दिलाता है जो हमारे संविधान में निहित है और जो हमें एक सशक्त और समावेशी राष्ट्र के निर्माण में मार्गदर्शन करते हैं हम सभी मिलकर बाबा साहब अंबेडकर की दृष्टि और संविधान की भावना को बनाए रखने की प्रतिबद्धता को फिर से दोहराते हैं फिर सभी मिलकर लड्डू वितरण और केक काटकर संविधान दिवस को कॉफी हर्षो उल्लास से मनाया गया।
सुधीर कुमार पप्पू ने कहा संविधान कितना भी अच्छा हो,लेकिन अगर उसे मानने वाले लोग अच्छे नहीं हैं तो संविधान का महत्व कम हो जाता है।इसलिए संविधान को सफल बनाने के लिए,हमें अपने दैनिक जीवन में संविधान के मूल्यों और सिद्धांतों का पालन करना होगा।हमें अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी पालन करना होगा,ताकि हम एक बेहतर समाज और देश बना सकें।आज कैसे आज कैसे विशेष कार्यक्रम में प्रदीप लाल,राहुल भट्टाचार्य,प्रभात रंजन, श्रीवास्तव,हरिदास,बेबी मुंडा,अरुण जॉन,भंजन साहू,सतीश शर्मा,अशोक सिंह,सुमित ठाकुर,सर्वेश,अजय नंद,हरिचंद साहू, शोभा देवी एवं अन्य लोग उपस्थित थे।