बहरागोड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ0 मृत्युंजय धाउड़िया वा सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी तथा ए0एन0एम0 का समीक्षात्मक बैठक किया गया साथ ही चर्मरोग जाँच शिविर का आयोजन किया गया।
कुष्ठ रोगी का जल्द पहचान कर इलाज शुरू करने से दिव्यांगता से बचाया जा सकता है-डॉ0 मृत्युंजय धाउड़िया,जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र-बहरागोड़ा में जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी सह नोडल अधिकारी बहरागोड़ा के द्वारा सभी सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी एवं ए0एन0एम0 का समीक्षात्मक बैठक की गई।समीक्षात्मक बैठक में उन्होंने पोषण माह (10 दिसम्बर 2024 से 10 जनवरी 2025) अंतर्गत किये जाने वाले गतिविधियों से अवगत कराया। उसके बाद उन्होंने टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व जाँच, एन0सी0डी0, कुष्ठ रोग, एनेमिया मुक्त भारत अभियान की समीक्षा की।
जिला कुष्ठ परामर्शी, डॉ0 राजीव लोचन महतो ने बताया कि शरीर में किसी भी प्रकार का दाग तथा दाग में निश्चित सुनापन तो वह कुष्ठ रोग हो सकता है ,तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें। कुष्ठ रोग न अभिशाप है और न पीछले जन्म का पाप। यह एक बैक्टीरिया जनित रोग है और इसका ईलाज सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों में नि:शुल्क उपलब्ध है।उन्होंने कुष्ठ रोग का कार्डिनल सिम्पटम्स, प्रकार, लक्षण,उपचार तथा कुष्ठ रोग से होने वाले दिव्यांगता के बारे में बताया।
डेमियन फाउंडेशन के दुर्योधन बागती ने सेल्फ केयर के महत्व के बारे में बताया।उन्होंने रिकंस्ट्रक्टिभ सर्जरी के बारे में बताया कि इस सर्जरी के द्वारा दिव्यांगता को ठीक किया जा सकता है।उन्होंने सहियाओं को कुष्ठ विभाग से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में भी जानकारी दी।
एमपीडब्ल्यू चंदन कुमार मन्ना ने एमसीआर चप्पलें तथा सेल्फ केयर किट की उपयोगिता के बारे में बताया।
आज के चर्मरोग जाँच शिविर में डॉ0 राजीव के द्वारा 23 संदेहास्पद मरीजों को जाँच कर 2 नये कुष्ठ मरीजों की सम्पुष्टि कर नि:शुल्क एम0डी0टी0 वितरण किया गया।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रखंड लेखा प्रबंधक श्याम महापात्रा, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक दुर्गा उराँव,एमपीडब्ल्यू चंदन कुमार मन्ना,डेमियन फाउंडेशन के दुर्योधन बागती तथा संजय चटर्जी का योगदान रहा।