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केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: 18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने से पहले पेरेंटल कंसेंट अनिवार्य

केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (DPDP) नियमों का मसौदा जारी किया है, जिसमें 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया अकाउंट बनाने से पहले पेरेंटल कंसेंट लेना अनिवार्य कर दिया गया है। यहाँ इस मसौदे की कुछ प्रमुख बातें हैं:

 

– _पेरेंटल कंसेंट_: बच्चों का व्यक्तिगत डेटा प्रोसेस करने से पहले डेटा फिड्यूसियरी को पेरेंट्स का सत्यापित सहमति प्राप्त करनी होगी।

– _सत्यापित सहमति_: डेटा फिड्यूसियरी को यह सुनिश्चित करना होगा कि जो व्यक्ति खुद को माता-पिता के रूप में पहचान रहे हैं, वह एक वयस्क हों और यदि आवश्यकता हो, तो भारत में लागू किसी कानून के पालन से संबंधित पहचान जांच के लिए पहचान योग्य हों।

– _डेटा कलेक्शन की पारदर्शिता_: डेटा कलेक्ट करने वाले संस्थाओं को सहमति प्राप्त करने की प्रक्रिया के दौरान विशेष ध्यान रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि डेटा कलेक्शन के उद्देश्य और प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हों।

– _दायरा और प्रभाव_: ई-कॉमर्स, सोशल मीडिया और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स को भी डेटा फिड्यूसियरी के दायरे में रखा गया है, और इन प्लेटफॉर्म्स को बच्चों के व्यक्तिगत डेटा के संग्रहण और उपयोग के लिए पेरेंटल कंसेंट प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

– _जुर्माना_: डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के तहत डेटा फिड्यूसियरी पर ₹250 करोड़ तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान भी है, यदि वे व्यक्तिगत डेटा के प्रोसेसिंग के उद्देश्य और तरीके का निर्धारण करने में विफल रहते हैं।

– _लागू होने की तिथि_: अंतिम नियम 18 फरवरी के बाद लागू होंगे।

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