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सुनील कुमार दे: एक महान साहित्यकार और समाजसेवी का जन्मदिन

Hata 19 जनवरी को हम एक ऐसे व्यक्ति का जन्मदिन मना रहे हैं जिन्होंने अपने जीवन को साहित्य और समाजसेवा के लिए समर्पित किया है। सुनील कुमार दे एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने लेखन और कार्यों से समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है।

 

सुनील कुमार दे का जन्म 19 जनवरी 1959 को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के अंतर्गत, पोटका प्रखंड के नुआग्राम में हुआ था। उनके पिता स्वर्गीय मोहिनी मोहन दे और माता स्वर्गीय बेला रानी दे थीं।

 

सुनील कुमार दे ने अपने जीवन को साहित्य और समाजसेवा के लिए समर्पित किया है। वे एक प्रतिभाशाली लेखक, कवि और समाजसेवी हैं। उनकी रचनाएँ बंगला और हिंदी में प्रकाशित हुई हैं। उनकी अभी तक बंगला में 26 और हिंदी में 8 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।

 

सुनील कुमार दे एक समाजसेवी भी हैं। वे 1981 से 1990 तक नुआग्राम नव जागरण क्लब और 1991 से 2000 तक विवेकानंद युवा समिति के माध्यम से बिबिध समाज सेवा और समाज निर्माण का काम किया है। वे रक्तदान शिविर का आयोजन करने में भी सक्रिय हैं।

 

सुनील कुमार दे को उनके कार्यों के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्हें काब्य भूषण उपाधि, मानव रत्न उपाधि, ज्ञानतापस उपाधि, स्वर्णपदक, जयप्रकाश भारती सन्मान, महादेवी वर्मा पुरस्कार, माँ सारदा स्मृति सन्मान, नेताजी पुरस्कार, रवीन्द्र स्मृति पुरस्कार, विवेकानंद स्मृति पुरस्कार, राजभाषा सम्मान आदि पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

 

आज, सुनील कुमार दे के जन्मदिन पर, हम उनके योगदान को सलाम करते हैं और उनके जीवन और कार्यों से प्रेरणा लेते हैं। हम उनके लिए एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन की कामना करते हैं।

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