आदिवासी सुरक्षा परिषद की चेतावनी: पेसा एक्ट लागू करो वरना आंदोलन होगा!
बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ चाम्पिया ने कहा पेसा एक्ट लागू होने से अफसरशाही पर कसेगा लगाम, भ्रष्टाचार पर भी लगेगा अंकुश, ग्रामसभा होगी मजबूत, आदिवासियों की छिनी हुई जमीन वापसी होगी आसान
राजनगर
आदिवासी सुरक्षा परिषद के जिलाध्यक्ष सीताराम हांसदा की अध्यक्षता में मंगलवार बागरइसाई स्थित कला संस्कृतिक भवन में एक दिवसीय “पेसा सम्मेलन” का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ चाम्पिया एवं मुख्य वक्ता के रूप में आदिवासी सुरक्षा परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष रमेश हांसदा उपस्थित थे। इस अवसर पर सर्वप्रथम सिदो कान्हू, बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सम्मेलन को संबोधित करते हुए देवेंद्र नाथ चंपिया ने कहा कि 28 साल के बाद भी पेसा कानून का धरातल पर नहीं उतारना राज्य और केंद्र सरकार की उदासीनता का जीता जागता उदाहरण है ।इससे पता चलता है कि आदिवासियों के प्रति राज्य एवं केंद्र की सरकारों का नियत कितना साफ है। अब कोर्ट के आदेश पर 28 साल के बाद राज्य सरकार को यह निर्देश दिया गया है कि अविलम्ब हर हाल में पेसा नियमावली बना करके झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में इसे लागू किया जाए। उन्होंने कहा पेसा कानून में दिए गए अधिकार यदि लागू हो जाते हैं तो आदिवासियों से छीनी हुई जमीन आसानी से वापस हो सकती है। लघु वन उपज अधिकार मिलने से ग्राम के युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। अफसरशाही के द्वारा जिस प्रकार भ्रष्टाचार का बोलबाला हो रहा है। गांव के विकास योजना में पेसा के मार्फ़त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सकता है। आज आदिवासियों का सबसे बड़ा संकट अपने अस्तित्व की रक्षा करना, धर्म की रक्षा करना हो गया है। रूढ़िवादी व्यवस्था के तहत इसे भी संरक्षित किया जा सकता है। इसलिए झारखंड अनुसूचित क्षेत्र में रहने वाले आदिवासी, गैर आदिवासी सभी लोगों को ग्राम सभा के मजबूत होने से लाभ मिलेगा।
वहीं आदिवासी सुरक्षा परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष रमेश हांसदा ने कहा कि जब तक संगठन नहीं खड़ा होगा तब तक पेसा कानून को लागू करवाने का जन दबाव नहीं दिया जा सकता। बिना जन दबाव का कोई भी सरकार इसको लागू नहीं करेगी।
राज्य में आदिवासी मुख्यमंत्री होने के कारण उम्मीद किया जाना चाहिए कि की जल्द से जल्द पेसा लागू हो। बैठक में निम्न प्रस्ताव लाए गए।
पेसा नियमावली में PESA एक्ट के सभी 23 प्रावधान को लागू किया जाए, लागू करने से पूर्व आम लोगों के लिए इसे प्रकाशित किया जाना चाहिए,
मार्च महीना में राजनगर प्रखंड में हजारों लोग का प्रखंड कार्यालय के समक्ष विशाल धरना देंगे। इसके लिए सात सदस्यीय संयोजक समिति का गठान किया गया। जिसमें धनु टुडू (संयोजक सचिव), सावन
टुडू, सिबिल देवगम, बारियाड हांसदा, भक्तु मार्डी , मेघराई माड़ी आदि। जन जागरण के लिए चौक चौराहे में नुक्कड़ सभा की जाएगी। कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन चतुर हेंब्रम ने दी। सम्मेलन में मुख्य रूप से दिनेश हंसदा, सुमित्रा मार्डि, भगवान टुडू, राजेश महतो,मनसा राम मुर्मू, बिशु हांसदा, चंदू टुडू, अर्जुन टुडू, गरबा हांसदा, ईश्वर मारंडी, धीरू हांसदा, निर्मल हांसदा, कालिदास मुर्मू आदि मौजूद थे।
