आजसू कार्यालय में मृतक उत्तम लायेक की एक बेटी को मिला पांच लाख का मुआवजा
चांडिल: shivnath Mahato प्रखंड के चिलगु स्थित आजसू पार्टी ईचागढ़ विधानसभा प्रधान कार्यालय में मुआवजा राशि के रूप में एक पीड़ित परिवार को पांच लाख रुपये का चेक सौंपा गया। आजसू पार्टी के केंद्रीय महासचिव हरेलाल महतो की मौजूदगी में चौका थाना क्षेत्र के पानला के मृतक उत्तम लायेक की बड़ी बेटी 15 वर्षीय अंजली लायेक के नाम पर एमआर एलॉय कंपनी के प्रबंधक विनोद कुमार सिंह ने पांच लाख रुपये का चेक सौंपा। वहीं, मृतक उत्तम लायेक अन्य दो बेटी को भी मुआवजा के रूप में पांच – पांच लाख रुपये का चेक दिया जाएगा, अभी उन दोनों के नाम पर बैंक खाता नहीं है। बैंक खाता खोले जाने के बाद ही चेक के माध्यम से मुआवजा राशि भुगतान किया जाएगा।
विगत दिनों 19 जुलाई को चौका थाना क्षेत्र के टुईडूंगरी स्थित एमआर एलॉय कंपनी में हुए दुर्घटना में चौका थाना क्षेत्र के पानला निवासी उत्तम लायेक की मौत हो गई थी। मृतक के परिजनों ने घटना की जानकारी आजसू नेता हरेलाल महतो को दिया था और न्याय दिलाने का मांग किया था। इसके बाद हरेलाल महतो के निर्देश पर आजसू पार्टी के कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में चिलगु प्रधान कार्यालय में कंपनी प्रबंधन और पीड़ित परिवार के सदस्यों के बीच वार्ता हुई थी। वार्ता के समय ही कंपनी प्रबंधक ने मृतक के श्राद्धकर्म हेतु पीड़ित परिवार को तत्काल डेढ़ लाख रुपये का सहयोग किया था। उसके अलावा मुआवजा राशि के रूप में मृतक उत्तम लायेक की तीन बेटियों के नाम पर 5 – 5 लाख रुपये चेक के माध्यम से भुगतान करने तथा 18 वर्ष होने के बाद बड़ी बेटी को कंपनी में नौकरी देने का समझौता हुआ था। उस समझौता के अनुसार शुक्रवार को प्रधान कार्यालय में मृतक की बड़ी बेटी अंजली लायेक के नाम पर 5 लाख रुपये का चेक सौंपा गया। वहीं, अन्य दो बेटी के नाम पर जल्द ही बैंक खाता खोलने के लिए कहा गया है, ताकि उन दोनों के नाम पर भी 5 – 5 लाख रुपये की राशि भुगतान किया जा सके।
आजसू नेता हरेलाल महतो ने कहा कि आजसू पार्टी हर गरीब, शोषित, पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है। लोगों को न्याय दिलाने के लिए हमेशा काम करती हैं। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को कभी कभी राजनीति से ऊपर उठकर गरीबों के हित में सोचना चाहिए, हर विषय पर राजनीति करना उचित नहीं है। हरेलाल महतो ने कहा कि वे सीधे तौर पर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का प्रयास करते हैं। जबकि, कई लोग पीड़ित परिवारों के भावनाओं की आड़ लेकर अपना निजी हित साधने के प्रयास करते हैं।