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आरटीआई कार्यकर्ता बसंत महतो की शिकायत पर हुई बड़ी कार्रवाई, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल,चक्रधरपुर में मची हलचल

 

चक्रधरपुर। आरटीआई एक्टिविस्ट बसंत महतो के मेरी सड़क (प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना) राष्ट्रीय सरकारी सेवा पोर्टल पर शिकायत एवं भारत के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को किए गए ईमेल का असर धरातल पर प्रभावी रूप से नजर आया।

मामला प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत डेरवां से जोजोगुटु (9.055 किलोमीटर) पथ निर्माण से संबंधित है। जिससे एनजीटी के आदेश के बाद 10 जून से 15 अक्टूबर तक नदियों से बालू का उठाव पर रोक के बावजूद भारी मात्रा में भारी वाहनों एवं हाइवा द्वारा अवैध बालू ढुलाई की सूचना निरंतर ग्रामीणों एवं संवेदक से प्राप्त हो रही थी। बसंत महतो को विभाग द्वारा गुरुवार को प्राप्त 17 पेज की रिपोर्ट ने पूरी व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।

 

शिकायतकर्ता बसंत महतो की ऑनलाइन शिकायत एवं ईमेल का असर –

1. भारी मात्रा में भारी वाहनों एवं हाइवा द्वारा अवैध बालू ढुलाई एवं भारी वाहनों/लोडेड हाइवा का आवागमन रोकने के लिए कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, चक्रधरपुर के निर्देश पर थाना प्रभारी गोइलकेरा के द्वारा कार्रवाई की प्रत्याशा में संवेदक प्रतीक कंस्ट्रक्शन ने पुन: बैरियर लगाया है।

2. कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, चक्रधरपुर द्वारा थाना प्रभारी गोइलकेरा, पश्चिमी सिंहभूम को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत डेरवां से जोजोगुटु (9.055 किलोमीटर) पथ में भारी वाहनों की आवागमन रोकने के संबंध में जनहित में पथ में भारी वाहनों/लोडेड हाइवा का आवागमन को रोकने की दिशा में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। जिसका पत्रांक-1022, दिनांक- 19/07/2024 है।

3. शिकायत के 2 दिन बाद ग्रामीणों ने ग्राम सभा करके सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि ग्राम वासियों द्वारा सामूहिक रूप से अवैध बालू ले जा रहे हैं हाइवा, ट्रैक्टर एवं अन्य भारी वाहनों को पड़कर रखा जाएगा एवं प्रशासन तथा मीडिया को सूचना दिया जाएगा ताकि इन पर कार्रवाई हो सके।

 

इस पूरे मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट बसंत महतो का कहना है कि संवेदक प्रतीक कंस्ट्रक्शन द्वारा ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, चक्रधरपुर को लिखे शिकायत पत्र जिसका पत्रांक संख्या PC-2024/60/96, दिनांक-19/07/2024 है एवं ग्राम सभा में ग्रामीणों के मंतव्य से यह स्पष्ट है कि उक्त वर्णित सड़क पर भारी मात्रा में भारी वाहनों एवं हाइवा द्वारा लगातार अवैध बालू ढुलाई जारी है। निष्कर्ष यही निकल कर आता है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के रोक के बावजूद धड़ल्ले से बालू का अवैध कारोबार निरंतर जारी है। जिम्मेदार मौन हैं। जिससे इनकी अवैध खनन, परिवहन और भंडारण में संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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