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आइआइएम रांची के 13वें दीक्षांत समारोह में बांटी गयीं 383 डिग्रियां, यंग माइंड का इस्तेमाल नौकरी करने में न करें बोले टाटा प्ले के MD,

Ranchi:- IIM रांची, सत्र 2022-24 के मुक्ताकाश मंच पर शनिवार को विद्यार्थियों के लिए 13वां दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया, जिसमे 383 विद्यार्थियों के बीच डिग्रियां बांटी गयीं। इसमें एमबीए के 213, एमबीए-एचआर के 69, एमबीए-बीए के 41, एग्जीक्यूटिव एमबीए के 52, पीएचडी के पांच और एग्जीक्यूटिव पीएचडी के तीन विद्यार्थी शामिल है।

इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में टाटा प्ले के मैनेजिंग डायरेक्टर सह सीइओ हरित नागपाल, आइआइएम के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन प्रवीण शंकर पांडेया और आइआइएम रांची के निदेशक प्रो दीपक श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों को डिग्रियां सौंपी़।

IIM जैसे प्रतिष्ठित संस्थान से एमबीए की डिग्रियां प्राप्त कर विद्यार्थियों के चेहरे खिल उठे। आयोजन में मौजूद अभिभावक अपने बच्चों के जीवन की उपलब्धि को कैमरे में कैद करते नज़र आये।

यंग माइंड का इस्तेमाल नौकरी करने में न करें-हरित नागपाल

मौक़े पर मुख्य अतिथि हरित नागपाल ने कहा कि डिग्री जीवन में आगे बढ़ने का एक आशीर्वाद है। आप सभी को खुद पर गर्व होनी चाहिए कि आप आइआइएम के छात्र रहे हैं। CAT जैसे कठिन प्रतियोगिता परीक्षा के सिर्फ 10 फीसदी सफल विद्यार्थियों में जगह बनाना आसान नहीं होता। नये जमाने का आगाज हो चुका है। पूर्व में इंटरनेट, कंसल्टेंसी या अन्य विकल्प नहीं थे, जो व्यवसाय को नयी दिशा दे सके, आज सभी चीज़ें उपलब्ध है। रचनात्मक सोच के साथ क्या बदलाव कर सकते हैं, इस दिशा में काम करें।
बीते 20 वर्षों में टीवी के कंज्यूमर 16 मिलियन से 100 मिलियन हो चुके हैं। इनमें ज्यादातर मध्यवर्गीय परिवार के हैं। प्रबंधन कौशल का लाभ मध्य वर्गीय परिवार को मिले, इस दिशा में काम करने की जरूरत है। बाजार का सही उपभोक्ता या ग्राहक यही वर्ग के है।

उन्होंने आगे कहा कि एआइ और डाटा साइंस के जमाने में नये अवसर तलाशें। नये आइडिया के साथ जुड़ें और उसपर काम करे। जरूरी नहीं कि अच्छे आइडिया सिर्फ आपके पास हो। यंग माइंड का इस्तेमाल नौकरी करने में न करें। नौकरी आर्थिक बोझ को खत्म करने के लिए की जाती है। उद्यमी बन समाज के लिए अवसर तैयार करने की पहल करें।

धैर्य रखें, जीवन में बड़ा अवसर मिलेगा-प्रवीण शंकर पांडेया

आइआइएम के बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन प्रवीण शंकर पांडेया ने कहा कि सफल बनने का अवसर सभी के हिस्से में आता है। सही समय का इंतजार न करें, अपने परिश्रम से उस समय को लाने का प्रयास करें। प्रबंधन के छात्र जीवन में हताश न हों, धैर्य रखें। नौकरी से जुड़ने वाले विद्यार्थी के हिस्से में एक ऐसी कंपनी जरूर आयेगी, जिससे जुड़कर खुद की क्षमता का बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे। जमाना बदल रहा है। नये अवसर का लाभ परिश्रम और ईमानदारी से उठा सकेंगे।

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