झारखंड: AIDSO ने नई शिक्षा नीति के तहत महाविद्यालयों से इंटर की पढ़ाई बंद करने का किया विरोध
रांची: ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) की झारखंड राज्य कमिटी ने नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत महाविद्यालयों से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को पूरी तरह बंद करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया है। संगठन का कहना है कि यह कदम छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

राज्य अध्यक्ष समर महतो ने कहा, “हमारी संगठन शुरू से ही नई शिक्षा नीति का विरोध करती आ रही है। इंटर की पढ़ाई को कॉलेजों से हटाना इस नीति का दुष्प्रभाव है। इससे हजारों छात्र-छात्राएं शिक्षा से वंचित हो जाएंगे और जो पढ़ाई करेंगे, उनके लिए शिक्षा महंगी होगी।”
राज्य सचिव सोहन महतो ने बताया कि हर साल मैट्रिक पास करने वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन नए शिक्षण संस्थानों का निर्माण, शिक्षकों की नियुक्ति और आधारभूत संरचनाओं का विकास नहीं हो रहा। कई जिलों में इंटर की सीटें छात्रों की संख्या के अनुपात में अपर्याप्त हैं, जिससे ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के छात्रों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री मेधावी विद्यालयों में भी संसाधनों और शिक्षकों की कमी है। ऐसे में राज्यपाल द्वारा महाविद्यालयों में इंटर नामांकन पर रोक लगाने और विश्वविद्यालयों से स्पष्टीकरण मांगने का आदेश अन्यायपूर्ण है।”
AIDSO ने मांग की है कि छात्रों की संख्या के अनुपात में इंटर की सीटें बढ़ाई जाएं, विभिन्न विषयों के शिक्षकों की नियुक्ति हो, आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जाए और कॉलेज कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। संगठन का कहना है कि जब तक ये मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक इंटर की पढ़ाई बंद करना छात्रों के भविष्य के लिए हानिकारक होगा।
