कुड़मी समाज ने केंद्र व राज्य सरकार के विरोध में वोट डालने का निर्णय लिया : बेल मिलते ही कहा केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर
जमशेदपुर : आज गुरुवार को पिछले दिनों के रेल टेका व डहर छेंका के प्रमुख नेता एवं आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर का बेल रेलवे कोर्ट से मिला।
कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कराने की मांग पर 20 सितंबर 2023 को नीमडीह रेलवे स्टेशन पर आदिवासी कुड़मी समाज के रेल टेका व डहर छेंका आंदोलन के कारण केस दर्ज समाज के केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर को बेल रेलवे कोर्ट जमशेदपुर से मिल गई। इधर बेल मिलते ही आदिवासी कुड़मी समाज के केंद्रीय महासचिव अधिवक्ता सुनील कुमार गुलिआर ने कहा कि कुड़मी समाज को केंद्र व राज्य सरकार दोनों ही आज 73 वर्षों तक हमारे समाज को छलने का काम किया है ।
उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल, झाड़खंड एवं उड़ीसा इस तीनों राज्यों में चार चार बार रेल टेका किया गया। दिल्ली के लिए ट्रेनें बुक कर हजारों आंदोलनकारियों द्वारा अपने मांगों को लेकर रैलियां, जनसभा आदि प्रदर्शन का किया गया , परन्तु किसी भी सरकार ने अब तक कुड़मी मुद्दा का हल नहीं किया । इसलिए जब तक कुड़मियों को एसटी सूची में सूचीबद्ध नहीं किया जाता व कुड़माली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं किया जाता तब तक आंदोलन उग्रतर चलता ही रहेगा। इस बार का आंदोलन चुनाव को असर डालकर किया जाएगा। इसके लिए आदिवासी कुड़मी समाज की ओर से बंगाल में लोकसभा के लिए 6 कैंडिडेट को उतारा गया है। वहीं झाड़खंड एवं उड़ीसा में केंद्र व राज्य सरकार के विरोध में वोट डालने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए तीसरा विकल्प चुना जा रहा है। गौरतलब है कि कड़मी समुदाय के आंदोलनकारियों के ऊपर पर यू/ 5 के 145, 146, 147 तथा 159 के तहत रेलवे ने केस दर्ज किया था। बेल का हियरिंग सीनियर अधिवक्ता रतन महतो ने किया। इस बेल के समय समाज के महासचिव को स्वागत करने के लिए आदिवासी कुड़मी समाज के प्रदेश अध्यक्ष पद्मलोचन महतो, उपाध्यक्ष जितेन महतो, अधिवक्ता प्रदीप महतो, अधिवक्ता सुजीत महतो, जगन्नाथ महतो, तपन महतो, मिंटू महतो, रेल टेका प्रभारी प्रभात महतो आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।