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नीमडीह थाना क्षेत्र अवैध महुआ शराब निर्माण का सेफ जोन, प्रशासन की आंखों पर पट्टी

 

 

ईचागढ़: नीमडीह थाना क्षेत्र में अवैध महुआ शराब के कारोबार ने जोर पकड़ लिया है। शराब माफियाओं के लिए यह इलाका सेफ जोन बन चुका है, जहां से तैयार शराब सरायकेला जिले के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के बलरामपुर और आसपास के बॉर्डर क्षेत्रों में आसानी से सप्लाई हो रही है। नीमडीह थाना प्रभारी और उत्पाद विभाग के अधिकारी इन अवैध गतिविधियों से अनजान बने हुए हैं।

 

पूछताछ पर अधिकारियों का कहना है कि क्षेत्र में कोई शराब भट्टी नहीं है। हालांकि, स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, कई गांवों में अवैध महुआ शराब की भट्टियां धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। सूत्रों के अनुसार, नीमडीह थाना क्षेत्र में एक सौ से ज्यादा स्थानों पर अवैध महुआ शराब की भट्टियां संचालित हैं जबकि नीमडीह थाना की पुलिस को पूरे क्षेत्र में एक भी अवैध शराब की भट्टियां नहीं दिखाई दे रही है। हालांकि मैप कैमरा से ली गई तस्वीर में शायद इन्हें कुछ नजर आ जाए। अब सरकार और प्रशासन से सवाल यह है कि नीमडीह थाना प्रभारी और उत्पाद विभाग को यह भट्टियां क्यों नहीं दिखतीं? क्या प्रशासनिक लापरवाही के कारण अवैध शराब माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है? इन भट्टियों पर कार्रवाई कब होगी? नीमडीह क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रशासनिक लापरवाही के कारण यह कारोबार फल-फूल रहा है।

अवैध शराब का कारोबार न केवल क्षेत्र की शांति को भंग कर रहा है, बल्कि युवाओं को भी नशे की लत की ओर धकेल रहा है। स्थानीय लोगों ने सरकार और जिला प्रशासन से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करने और इन अवैध भट्टियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। प्रशासनिक उदासीनता पर सवाल उठ रहे हैं और मामले को लेकर जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। क्या नीमडीह प्रशासन जागेगा, या अवैध शराब का कारोबार इसी तरह चलता रहेगा?

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