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निमडीह :जिला के नीमडीह प्रखंड क्षेत्र के कादला गाँव में जंगली हाथियों के झुंड चौधरी प्रमाणिक के आलू व बांदु गांव में दीनु महतो के धान को अपना निवाला बनाया। हाथियो आतंक से ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति नाराजगी 

 

 

ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र मे जंगली हाथियों के आतंक एक गंभीर समस्या बन गया है, जिसमें स्थानीय लोगों का जन जीवन प्रभावित हो रहा है। हाथी जंगल को छोड़कर गाँव में प्रवेश कर रहे है ओर फसलों को नुकसान पंहुचा रहे है। जिसके कारण किसानो मे कॉफी नाराजगीदेखा गया है।

खेत से लेकर खलियान पर धान नहीं मिलने से अब हाथियों के झुंड घर में रखें अनाज पर निशाना बना रहा हे। ओर आकर्षित हो रहें है। हाथियों के आतंक से जनजीवन अस्तव्यस्त रहने लगा ।

 

शाम ढलते ही जंगली हाथियों का झुंड विभिन्न जंगलों से उतर कर गाँव मे प्रवेश कर जाते है। साथ ही घरों की चार दीवार को क्षतिग्रस्त कर किसान की घर में रखे धान, चावल, आलू आदि सामग्री को अपना निवाला बनाते है।

ग्रामीणों के लिए एक बड़ा समस्या उत्पन्न हो गया। तीन दिन पहले कदला पहाड़ पर 16 हाथियों का झुंड डेरा डाला है । उसी झुंड से एक हाथी बिछड़ कर जुगिलोंग गांव के माँ मनसा महिला समिति राशन दुकान को निशाना बनाकर रखे अनाज को खाया। चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी जो दलमा गज परियोजना से जाना जाता हे। इस आश्रयणी रहने के बाबजूद हाथियों का झुंड सेंचुरी से पलायन करके ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र मे डेरा डालकर पौष्टीक भोजन के लिए गांव पहुंच जाते है।एक तरफ केंद्र सरकार दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा वन एवं पर्यावरण विभाग प्रति वर्ष करोड़ों रुपया मुहैया करते हैं। जंगल एवं जंगली जीवजंतु की संरक्षण के लिए । उसके बाबजूद भी वन्य जीवजंतु पर्याप्त भोजन के लिए सेंचुरी छोड़ कर ईचागढ़ विधान सभा के विभिन्न जंगल में विगत पांच वर्षों से डेरा डाला हुआ हे।ओर शाम ढलते ही आतंक मचा रखा हे। चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी हाथी द्वारा क्षत्रि पूर्ति पर कोई कारवाई नहीं करते न एलिफेंट ड्राइव टीम द्वारा हाथी को ड्राइव करके दलमा सेंचुरी की ओर ले जाने की कार्य शुरू किया ।जिसे ग्रामीण वन विभाग के प्रति नाराजगी देखा गया।

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