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पान्ड्राशाली ओपी पुलिस ने ग्रामीण मुंडा मंजीत हाईबुरू के हथियारों को किया गिरफ्तार, भेजा जेल  

 

 

खूंटपानी(Ajay Kumar):- प्रखंड के पाण्ड्राशाली ओपी क्षेत्र अंतर्गत बासाहातु गांव के ग्रामीण मुंडा मंजीत हाईबुरू की हत्याकांड का मामला सुलझ गया. हत्या की गुत्थी को ओपी पुलिस ने मात्र कुछ ही दिनों में सुलझा लिया है. मृतक के भाई शेखर हाईबुरु द्वारा 12 मई को थाना में कांड संख्या-76/25, धारा 103 (1) बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कराया गया था. घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक, प. सिंहभूम, चाईबासा ने विशेष छापामारी दल का गठन किया. इस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 18 मई 2025 को हत्या में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया. गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम हैं गंगाराम तियु (उम्र 30 वर्ष), पिता-मिश्रीलाल तियु, ग्राम – दोपाई एवं नागुरी तियु (उम्र 35 वर्ष), पति स्व. बागुन तियु, ग्राम-सुपलसाई शामिल है.दोनों अभियुक्तों ने पुलिस पूछताछ में हत्या की योजना और क्रियान्वयन की पूरी कहानी कबूल की.पूछताछ में सामने आया कि गंगाराम तियु के चाचा बागुन तियु की जनवरी 2025 में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. उस समय गंगाराम बंगलौर में काम करता था. गांव लौटने पर उसे जानकारी मिली कि यह दुर्घटना नहीं बल्कि साजिशन हत्या थी और इसमें बासाहातु गांव के ग्रामीण मुंडा मंजीत हाईबुरु का अप्रत्यक्ष हाथ था. मंजीत द्वारा भूमि विवाद में गंगाराम के विरोधियों का साथ देने के कारण उसे चाचा की मौत का जिम्मेदार माना गया. गंगाराम ने प्रतिशोध लेने के लिए अपनी चाची नागुरी तियु की मदद से पिस्टल और चाकू खरीदा. पिस्टल को हमेशा अपने साथ रखने लगा. 11 मई की रात जब वह अपने दोस्तों के साथ शराब पी रहा था, तभी उसे पता चला कि मंजीत भी उसी महफिल में मौजूद है.

 

बियर पीने के बाद मंजीत को घर छोड़ने के बहाने वह गम्हरिया ले गया और वहीं पिस्टल से उसके कान के पास सटाकर गोली चला दी. जब दोस्त भाग गए, तो वह अपने भाई सनातन तियु के साथ लौटकर यह देखने गया कि मंजीत जिंदा है या नहीं. पिस्टल से दोबारा फायर करने की कोशिश की गई लेकिन गोली फंस गई. इसके बाद वह अपने घर गया, वहां से चाकू और ग्लव्स लेकर लौटा और घटनास्थल पर मंजीत को जिंदा पाकर चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी. बाद में घटना में प्रयुक्त हथियार और सामानों को छिपा दिया गया. बरामद सामानः अपराध की पुष्टि करती ठोस साक्ष्य है. गिरफ्तारी के बाद गंगाराम की निशानदेही पर पुलिस ने निम्नलिखित सामान बरामद किए हैं. जिसमे हत्या में प्रयुक्त पिस्टल दो खोखा (फायर किए गए कारतूस) चाकू, मोटरसाइकिल, घटना के समय पहने गए कपड़े और ग्लब्स बरामद किया गया. इस कार्रवाई में ओपी प्रभारी मृणाल कुमार, पुअनि राजकुमार भगत, सअनि सुनील कुमार यादव, जितेंद्र कुमार एवं सशस्त्र बल का सराहनीय भूमिका रही है.

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