पूर्व विधायक हरे कृष्णा सिंह का भाजपा परिवर्तन यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने किया विरोध, खदेड़ कर गाँव से भगाया
भाजपा की परिवर्तन यात्रा के दौरान लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड के सरईडीह और पोखरी गांव में 28 सितंबर को ग्रामीणों ने पूर्व विधायक हरे कृष्णा सिंह का जोरदार विरोध किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि हरे कृष्णा सिंह को भाजपा से टिकट नहीं मिलना चाहिए और वे स्थानीय जनता की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे हैं। इस विरोध के दौरान भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों के बीच काफी तकरार भी देखने को मिली।
परिवर्तन यात्रा जैसे ही सरईडीह और पोखरी गांव पहुंची, वैसे ही ग्रामीणों ने “हरे कृष्णा सिंह वापस जाओ” के नारे लगाने शुरू कर दिए। कई ग्रामीणों का कहना था कि वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों की उपेक्षा से नाराज हैं और हरे कृष्णा सिंह को फिर से चुनाव लड़ाने का भाजपा का फैसला गलत है। उन्होंने मांग की कि पार्टी को उनके स्थान पर किसी नए चेहरे को मौका देना चाहिए, जो इलाके की समस्याओं को बेहतर तरीके से समझे और समाधान कर सके।
मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके पर मौजूद भाजपा के वरीय नेताओं ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की। मनिका विधानसभा प्रभारी जोहर पासवान समेत अन्य भाजपा कार्यकर्ताओं ने हस्तक्षेप कर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया और किसी तरह स्थिति को नियंत्रित किया। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि उनकी बातें पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचाई जाएंगी और उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया में उनकी राय को भी ध्यान में रखा जाएगा।
इस विरोध ने भाजपा की परिवर्तन यात्रा के दौरान पार्टी की आंतरिक गुटबाजी और असंतोष को उजागर कर दिया है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा इस विरोध को कैसे संभालती है और आगामी विधानसभा चुनावों में इसे अपने पक्ष में कैसे बदलती है।