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प्राचीन गुरुकुल आश्रम बाना टांगरानी में पांच दिवसीय श्रीमद भगवत गीता यज्ञ शुभारम्भ 

 

 

 

 

राजनगर प्रखंड क्षेत्र के प्राचीन गुरुकुल आश्रम बाना टांगरानी में सोमवार को अंकुर रोपण एवं अधिवास के पांच दिवसीय विश्व कल्याण श्रीमद भगवत गीता यज्ञ आरम्भ हुआ। सुबह नौ बजे खरकाई नदी से कलशयात्रा निकली और आश्रम में स्थापित किया गया। इस पवित्र कलश यात्रा में सरायकेला के पूर्व नगर उपाध्यक्ष व समाजसेवी मनोज चौधरी शामिल हुए। इस मौके पर उन्होने कहा कि पवित्र कलश यात्रा हमारी वैभवशाली सनातनी आध्यात्मिक जागृति का शंखनाद है।कलश का पवित्र जल इस बात का संकेत हैं कि हमारा मन भी जल की तरह हमेशा ही शीतल, स्वच्छ एवं निर्मल बना रहे। हमारा मन श्रद्धा, तरलता, संवेदना एवं सरलता से भरे रहे। यह क्रोध, लोभ, मोह-माया, ईर्ष्या और घृणा आदि कुत्सित भावनाओं से हमेशा हमें दूर रखें। वहीं आश्रम के महंत चंदन बाबा ने बताया कि ओडिशा चण्डीखोल के विद्वान विप्रजनों द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा विधि विधान से कलश का पू जन कराया गया। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश में सभी देवी देवताओं का वास होता है। कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। प्राचीन धार्मिक सनातनी परंपरा अनुसार किसी भी मंगल कार्य की शुरुआत करते समय सर्वप्रथम कलश की स्थापना की जाती है। उन्होंने बताया कि विश्व कल्याण हेतु बाना टांगरानी आश्रम में पिछले 68 वर्षों से पांच दिवसीय गीता यज्ञ अनुष्ठान किया जाता आ रहा है। उन्होने बताया कि पांच दिवसीय गीता यज्ञ के दौरान प्रतिदिन सुबह 4:30 बजे मंगल आरती, प्रातः छह बजे सूर्य पूजा, प्रातः नौ बजे गौ पूजा, ग्यारह बजे शिव मंदिर में रुद्राभिषेकएवं आहुति प्रदान प्रारम्भ, दोपहर 12 बजे यज्ञ मंडप में श्री दुर्गा सप्तशती चंडी पाठ, शाम छह बजे संध्या आरती तथा रात्रि 8 से 9 बजे तक प्रवचन का आयोजित होगा। 14 मार्च को पूर्णाहुति के साथ पांच दिवसीय यज्ञ सम्पन्न होगा। कलश यात्रा में पंचानन राऊत, भागीरथी परीक्षा, सरोज प्रधान, विजय लाल सहित सैकड़ो श्रद्धालुओं शामिल हुए।

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