Newsझारखण्डसरायकेला

प्रभात फेरी हरिकीर्तन: जामबनी गांव की अनोखी परंपरा जो 11 साल से जीवित है”  

 

 

 

राजनगर:- जामबनी गांव में जीवित है प्रभात फेरी हरिकीर्तन। जामबनी गांव में एक अनोखी परंपरा आज भी जीवित है। यहां के भक्तजन प्रतिदिन प्रभात फेरी हरिकीर्तन करते हैं, जिसमें वे हरिनाम महामंत्र का जाप करते हुए पूरे गांव का भ्रमण करते हैं।

 

इस परंपरा की शुरुआत साल 2013 में हुई थी, जब जामबनी गांव में पहली बार श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हुआ था। कथावाचक पंडित उमा शंकर शुक्लाजी महाराज ने इस दौरान प्रभात फेरी हरिकीर्तन की शुरुआत की, जो आज भी जारी है।

 

पूजा रानी महतो ने बताया कि प्रभात फेरी हरिकीर्तन जामबनी गांव की एक विशेषता है, जिसमें भक्तजन प्रतिदिन भोर में हरिमंदिर से शिवमंदिर तक पूरे गांव का भ्रमण करते हुए हरिनाम महामंत्र का जाप करते हैं। यह परंपरा 12 महीने बिना किसी रुकावट के जारी रहती है, चाहे कड़कड़ाती ठंड हो या मूसलाधार बारिश।

 

जामबनी गांव में प्रतिदिन संध्या में हरिमंदिर और शिवमंदिर में संध्यारती कीर्तन भी आयोजित की जाती है, जिसमें भक्तजन हरिकीर्तन करते हैं। पूजा रानी महतो ने जामबनी गांव की भावी पीढ़ियों और सभी सनातनी भक्तजनों से निवेदन किया है कि इस पारंपरिक हरिकीर्तन को जीवित रखने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए। हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम, हरे राम, राम राम हरे हरे। राधे राधे।

Share this news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *