झारखण्डधर्मसरायकेला

राजनगर प्रखंड के ग्राम केन्दमुण्डी डुॅगरी में तीन दिवसीय मां तारा देवी का पूजा धूमधाम से क्या गया आयोजन।

सरायकेला :-राजनगर प्रखंड अंतर्गत केन्दमुण्डी गाँव में 18 जून को धूमधाम से मां तारा देवी का पूजा का आयोजन हुआ ।

पूजा स्थल से गाजे बाजे के साथ सैकड़ों महिलाओं वा पुरुषों कलश लेकर तालाब गए। और पुजारी सुनिता हेम्ब्रम ने विधिवत्त पूजा अर्चना कर महिलाएं , पुरुषों कलश में पवित्र जल लेकर माता के भक्ति में झूमते हुए , पूजा स्थल तक पहुंची।

इसके बाद मां तारा देवी ‌के पूजा स्थल में कलश स्थापित कर मां तारा देवी का पूजा किया गया। महिलाएं एवं पुरुष भक्त दिन भर निर्जला उपवास कर मां तारा की पूजा अर्चना किये। सभी भक्त श्रद्धालु मां तारा देवी के चरणों में माथा टेकते हुए सुख शांति व समृद्धि की कामना की। मान्यता है कि यहां सच्चे मन से पूजा अर्चना कर मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। बताया जाता है कि मां तारा देवी को पूजा करने से गांव घरों में शांति और समृद्धि बना रहता है। मां की पूजा अर्चना के लिए बंगाल, बिहार, उड़ीसा ,जमशेदपुर , समेत विभिन्न क्षेत्रों से सैकड़ो भक्त श्रद्धालु पूजा करने के लिए पहुंचे है । पूजा होने के बाद सभी श्रद्धालुओं को बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

पुजारी सुनीता हेंब्रम ने कहा की लगभग 30 वर्षों से पूजा हो रही है यहां पर प्रतिदिन पूजा अर्चना होती है। प्रत्येक वर्ष 18 जून को महिलाएं एवं पुरुष तालाब से कलश यात्रा निकाली जाती है। जो भी भक्त यहां पर मन्नत मांगते हैं ,मां उसे पूरा करती है। मां तारा देवी को शमशान की देवी कहा जाता है साथ ही यह भी माना जाता है कि वह मुक्ति देने वाली देवी है। बौद्ध धर्म में भी मां तारा की पूजा अर्चना को बहुत ही महत्व दिया गया है , मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने भी मां तारा की आराधना की थी और यही नहीं गुरु वशिष्ठ ने भी पुर्णता प्राप्त करने के लिए मां तारा देवी की आराधना की थी।
पूजा में डाकुवा बोलो हेंब्रम , ग्राम प्रधान दामू हेंब्रम , गांव के मुंडा गया हेंब्रम एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।

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