“राजनगर प्रखंड में घटिया निर्माण की पोल खुली: 1 महीने में ही टूट गई सड़क और पुलिया, भ्रष्टाचार का आरोप”

राजनगर प्रखंड में घटिया निर्माण की पोल खुली

राजनगर प्रखंड के बड़ा धोलाडीह को रानीगंज से जोड़ने वाली सड़क और पुलिया की पोल निर्माण के 1 महीने के भीतर ही खुल गई। ग्रामीणों के मुताबिक, ग्रामीण विकाश विशेष प्रमंडल द्वारा लगभग 1.5 करोड़ रुपये से पुलिया और एप्रोच रोड का निर्माण हुआ था। लेकिन दो-तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से पुलिया की एप्रोच रोड बह गई, गार्ड टूटकर गिर गई और पुलिया में जगह-जगह दरारें पड़ गईं।
ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण के दौरान उन्होंने कई बार आवाज उठाई थी, लेकिन संवेदक द्वारा उन्हें धमकी दी गई। ग्रामीण ईश्वर महतो ने आरोप लगाया कि निर्माण में निम्न गुणवत्ता वाली सीमेंट और लोकल सरिया का इस्तेमाल किया गया, जिस वजह से ये हालात हैं।
ग्रामीण शिव शंकर साहू का कहना है कि जब उन्होंने सड़क और पुलिया की गुणवत्ता को लेकर संवेदक राजेश सिंह पर सवाल किया, तो संवेदक ने साफ शब्दों में कहा, “जो करना है कर लो, जिसको लिखना है लिख लो, निर्माण ऐसे ही होगा।”
बड़ी मसक्कत के बाद पुलिया का निर्माण हुआ था, ये सड़क से हर दिन सेकड़ो लोग रोज़गार के लिए राजनगर, गम्हारिया जाते है, राजनगर आस्पताल में इलाज़ के लिए मरीज़ों को इसी सड़क के जाना पड़ता है अब सड़क बह जाने से ग्रामीण मायूस है और उन्हें हर वक्त हादसा का डर सता रहा है। अब सवाल यह है कि क्या झारखंड में इस तरह खुलेआम लूट-खसोट चलता रहेगा, जहां विभाग और संवेदक मिलकर घटिया निर्माण कर सरकारी पैसों का बंदरबांट करते रहेंगे? आखिर भ्रष्टाचार पर अंकुश कब लगेगा?