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टिकट बेचने का आरोप लगाने से नाराज भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आदेश पर ईचागढ़ विधानसभा के उम्मीदवार अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह को पार्टी से बाहर निकाला, अगले छह साल तक के लिए भाजपा में नो एंट्री 

 

 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आदेश पर पार्टी से ईचागढ़ के पूर्व विधायक एवं इस चुनाव के विधानसभा उम्मीदवार अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह समेत 30 नेताओं को भाजपा ने अपने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है, उन्हें पार्टी से निष्काषित किया गया है।

 

निष्कासित किए गए 30 भाजपा नेताओं को अगले छह साल तक पार्टी में पुनः एंट्री नहीं मिलेगी, क्योंकि उन्हें छह साल के लिए निष्काषित किया गया है। निष्काषित किए गए 30 नेताओं में ईचागढ़ के पूर्व विधायक एवं इस चुनाव के उम्मीदवार अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह भी शामिल हैं। बताते चलें कि ईचागढ़ सीट एनडीए गठबंधन ने आजसू पार्टी की झोली में डाल दिया है और यहां से हरेलाल महतो एनडीए गठबंधन से आजसू पार्टी के उम्मीदवार हैं।

 

ऐसे में टिकट की आशा लिए महज कुछ महीने पहले ही भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह उर्फ मलखान सिंह को ईचागढ़ सीट आजसू के खाते में जाने की भनक लगी तो उन्होंने एनडीए गठबंधन के खिलाफ माहौल तैयार करने का भरपूर प्रयास किया। यहां तक की अपने भतीजे अंकुर सिंह तथा भाजपा युवा मोर्चा के बिनोद राय के नेतृत्व में कुछ कार्यकर्ताओं को भाजपा प्रदेश कार्यालय भेजकर खूब हंगामा करवाया था। बात यहीं खत्म नहीं हुई, जब अरविंद सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन किया तो आयोजित जनसभा में इशारों ही इशारों में आजसू उम्मीदवार हरेलाल महतो पर टिकट खरीदने और भाजपा आलाकमान द्वारा टिकट बेचने का आरोप लगाया था। इसके बाद भी भाजपा आलाकमान ने अरविंद सिंह को मनाने का प्रयास किया था लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के आदेश पर संगठन ने कार्रवाई करते हुए अरविंद सिंह को अगले छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। अब मजे की बात यह है कि निर्दलीय उम्मीदवार अरविंद सिंह ने एक जनसभा में यह भी कहा था कि “भाजपा जीतेगी, ईचागढ़ की जनता जीतेगी”। अरविंद सिंह के इस बयान को लेकर उनके समर्थक जनता के बीच माहौल तैयार कर रहे थे कि निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल करने के बाद अरविंद सिंह भाजपा को ही समर्थन करेंगे। लेकिन टिकट बेचने का आरोप लगाए जाने से भाजपा आलाकमान के शीर्ष नेता खूब नाराज हुए और अरविंद सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। यानी कि अब अरविंद सिंह चाहकर भी अगले छह साल तक भाजपा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

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