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Villagers Toutured Blind’s wife- दृष्टिहीन के पत्नी को डायन कहकर ग्रामीणों ने किया प्रताड़ित, जान बचाकर छुटनी के शरण में आया परिवार

Saraikella:- आज 21वीं सदी में जब एकतरफ़ भारत नई बुलंदियों को छू रहा है हर दिन मेडिकल साइंस में नई-नई खोज हो रहे हैं बीमारियों के लिए दवाइयां तैयार किया जा रही है वहीं दूसरी तरफ अब भी ऐसे गांव हैं जहां के बच्चे पेट दर्द के कारण रोने से लोग अस्पताल नहीं बल्कि ओझा गुनी के पास जाते हैं और डायन बिसाही के रूप देकर कई बार अपने संतान को खो देते हैं।

जिस तरह समाज में बाल विवाह, विधवा पुनर्विवाह जैसी कुप्रथाओं के खिलाफ राजा राम मोहन राय ने मोर्चा खोला और इन कुप्रथाओं को समाज से बाहर करने का काम किया। उन्हीं के रूप में आज हमारे जिला में पद्मश्री छूटनी महतो डायन प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। इस जंग में उन्हें सफलता तो मिली है जिस वजह से उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया, लेकिन यह जंग ख़त्म नहीं हुआ अब भी जारी है।

डायन बिसाही के मामले आए दिन जिला में सामने आते हैं ऐसे ही एक मामला एक बार फिर सरायकेला थाना क्षेत्र से सामने आया है।
चामारू पंचायत के राँगामटिया गांव के निवासी छोटू महतो दृष्टिहीन है गांव के दबंगों ने उनकी पत्नी को डायन करार देते हुए खूब प्रताड़ित किया, जिस वजह से उन्हें गांव छोड़ना पड़ा, और अब इंसाफ़ के लिए छूटनी महतो के शरण में है।

छोटू महतो ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा उसकी पत्नी मंजू महतो को पिछले 5 साल से प्रताड़ित किया जा रहा है।ग्रामीणों से परेशान होकर उसने गांव के कुछ दूरी पर अपना घर बनाया है जहां व रह रहे थे। उस घाट के समीप मंगल महतो का ईटा भट्ठा है। वहां काम करने वाले मजदूरों के बच्चे जब रोते हैं तो मंगल महतो उसकी पत्नी को डायन करारा देकर घर खाली करने को कहते हैं।इतना ही नहीं मंगल महतो यह भी आरोप लगता है कि उसकी पत्नी के तंत्र-मंत्र के वजह से भट्टे का ईंटा पक नहीं रहा है।
पिछले दिनों मंगल ने अपने लोगों के साथ उसके घर पर धाबा बोल दिया, उसने बताया कि हमले से जान बचाकर अपने पत्नी और 10 वर्ष की बेटी को लेकर छूटनी महतो की शरण में इंसाफ के लिए पहुंचा है। आगे छोटू महतो ने बताया कि इस मामला को लेकर पंचायत की मुखिया सावित्री मोदी से 1 साल से फरियाद लगा रहे हैं मगर इंसाफ अब तक नहीं मिला।

इस संबंध में पद्मश्री छूटनी महतो ने बताया कि यह सरकार की विफलता है। तमाम प्रयासों के बाद भी यदि इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं तो कहीं ना कहीं पुलिस प्रशासन जिम्मेवार है। लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाने के बाद भी जब इस तरह के मामले सामने आते हैं तो इस विषय को लेकर गंभीर होना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार फ़िलहाल उनके शरण में है यदि पंचायत उनके साथ इंसाफ नहीं करती है तो आगे की कार्रवाई के लिए पुलिस के पास जाऊंगी।

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