विश्व रक्तदाता दिवस: डॉ. राजीव लोचन महतो का प्रेरणादायक उदाहरण
आज विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर हम बात कर रहे हैं पूर्वी सिंहभूम के जिला कुष्ठ परामर्शी डॉ. राजीव लोचन महतो की, जिन्होंने अब तक 49 बार रक्तदान किया है। डॉ. महतो का मानना है कि रक्तदान जीवनदान है और इससे कई भ्रम जुड़े हुए हैं जिन्हें दूर करना जरूरी है।

डॉ. महतो ने बताया कि रक्तदान करने से शरीर कमजोर नहीं होता, बल्कि इससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा, “दान किया हुआ रक्त को हमारा शरीर 24 घंटे के अंदर भरपाई कर लेता है और एक बार रक्तदान करने से हम तीन जिंदगियों को बचा सकते हैं।”
डॉ. महतो ने अपने रक्तदान के सफर के बारे में बताया कि साल 2009 में उनके नानी के सास को डायलिसिस की जरूरत थी और रक्त की कमी के कारण उन्हें खुद रक्तदान करने का निश्चय करना पड़ा। तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और अब तक 49 बार रक्तदान कर चुके हैं।
डॉ. महतो ने रेड क्रॉस सोसाइटी के श्री विजय कुमार सिंह, प्रतिक संघर्ष फाउंडेशन के श्री अरिजीत सरकार और पोटका क्षेत्र के जाने माने कवि एवं समाजसेवी श्री सुनील कुमार दे को अपने आदर्श बताया, जिन्होंने उन्हें रक्तदान के क्षेत्र में प्रेरित किया।