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कुष्ठ रोगी के सामाजिक एवं आर्थिक अधिकार के संबंध में बैठक आयोजित

Jamshedpur सर्किट हाउस सभागार में कुष्ठ रोगी के व्यक्तिगत अधिकार, सामाजिक, आर्थिक, मौलिक और राजनीतिक अधिकार के ऊपर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता डॉक्टर प्रदीप कुमार नायक, स्पेशल मॉनिटर (लेप्रोसी) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने की।

 

बैठक में स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, सामाजिक सुरक्षा, समाज कल्याण, जेएसएलपीएस तथा कल्याण विभाग के पदाधिकारी के अलावा कुष्ठ आश्रम के प्रतिनिधि ने भाग लिए। डॉ प्रदीप कुमार नायक ने उपस्थित सभी विभागों के पदाधिकारीयों तथा प्रतिनिधियों से आग्रह किए कि कुष्ठ रोगी को एक आम नागरिक की तरह उनको भी जीने का अधिकार है एवं भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा सभी प्रकार के योजनाओं का लाभ उनको मिलना चाहिए ताकि वह भी एक अच्छी जिंदगी जी सके।

 

डॉ नायक ने सभी विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया कि कैसे एक दूसरे से समन्वय स्थापित कर कुष्ठ रोग से संबंधित भ्रांतियां दूर करने के लिए कदम उठायें ताकि 2027 तक कुष्ठ रोग मुक्त भारत बनाया जा सके। सिविल सर्जन डॉक्टर साहिर पॉल ने बताया कि कुष्ठ रोग जीवाणु जनित रोग है और इसकी इलाज संभव है। यह किसी भी प्रकार की छुआछूत बीमारी नहीं है, इससे लोगों को डरने की कोई जरूरत नहीं है।

 

डॉ पॉल ने बताया कि अगर किन्हीं भी लोगों को स्क्रीन से संबंधित परेशानी है तो स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत सभी हेल्थ फैसिलिटी में इसकी जांच की जाती है, वहां पर जाकर लाभ उठाएं। जिला अंतर्गत सभी कुछ रोगी को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी कर दी गई है ताकि उन्हें भी सरकार के सभी प्रकार की योजनाओं का लाभ मिल सके।

 

बैठक का उद्देश्य कुष्ठ रोगियों के अधिकारों और जरूरतों को समझना और उन्हें समाज में मुख्यधारा में शामिल करने के लिए आवश्यक कदम उठाना था। सभी विभागों के पदाधिकारियों ने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।

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