Who is Joba Majhi?- जानिए जोबा माझी को टिकट मिलने से क्या गीता कोड़ा की राह हुई मुस्किल!
क्या गीता कोड़ा की राह हुई मुस्किल
क्या जोबा माज़ी को टिकट देना साबित होगा सीएम चंपई का मास्टर स्ट्रोक
रेस में सबसे आगे चल रहे दशरथ गगराई पर क्यों पार्टी ने नहीं लगाया दाव
ये कुछ अहम सवाल है जिसका इस वीडियो में हम मंथन करेंगे
काफी जद्दोजहद के बाद मंगलवार को झामुमो ने अपनी सरकार में मंत्री रही मनोहरपुर विधायक जोबा मांझी को सिंहभूम लोकसभा का टिकट थमाया है. इसी के साथ सिंहभूम लोकसभा को लेकर क़यासों की बाज़ार में अंकुश लग गई।
जोबा मांझी “इंडिया” गठबंध की उम्मीदवार होंगी. उनकी टक्कर “एनडीए” उम्मीदवार गीता कोड़ा से होगी, मतलब तय हो गया है कि मुकाबला रोचक होने वाली है।
यह सीट फिलहाल कांग्रेस के खाते में था, गीता कोड़ा के बीजेपी में शामिल होने के बाद इस सीट पर झामुमो ने दावेदारी की थी।
ज्ञांत हो कि सिंहभूम संसदीय क्षेत्र में कुल छः विधानसभा सीट है. इनमें एक कांग्रेस के खाते में है, जबकि पांच विधानसभा सीट पर झामुमो का कब्जा है।
जानें जोबा मांझी का राजनीतिक इतिहास
चक्रधरपुर और मनोहरपुर से विधायक रहे जोबा मांझी के पति स्व. देवेन्द्र मांझी की हत्या 14 अक्टूबर 1994 को हुई
थी।
पति की हत्या के बाद 1995 के विधानसभा चुनाव में जोबा मांझी पहली बार मनोहरपुर से चुनाव लड़ी और जीत हासिल करने में सफल रही।
पहली बार जोबा 1998 में अविभाजित बिहार में रावड़ी सरकार में मंत्री बनी, इसके बाद 2000 में अलग झारखंड राज्य बनने के बाद बाबूलाल मरांडी की सरकार में समाज कल्याण महिला बाल विकास तथा पर्यटन मंत्री बनी।
2005 में भी जोबा माझी परिवार व समाज कल्याण मंत्री बनी। 2009 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
2014 में उन्होंने अपनी पार्टी UGDP का झामुमो में विलय कर दिया, और झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर चुनाव जीती। 2019 में झामुमो ने उन्हें एक बार फिर मनोहरपुर से उम्मीदवार बनाया जिसमें उन्होंने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल की, और हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बनी। मगर हेमंत सोरेन सरकार पर संकट के बादल मंडराने और क्राइसिस मैनेजमेंट के कारण उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया।
कब-कब विधायक बनीं जोबा मांझी
1995 में मनोहरपुर से झामुमो (डी) पार्टी से
2000 में मनोहरपुर से यूजीडीपी पार्टी से
2005 में मनोहरपुर से यूजीडीपी पार्टी से
2009 में मनोहरपुर से चुनाव हार गयीं
2014 में मनोहरपुर से झामुमो से
2019 में मनोहरपुर से झामुमो से
क्या है जोबा मांझी की पारिवारिक पृष्ठभूमि
जोबा मांझी के चार बेटे हैं, बड़ा बेटा जगत मांझी इस बार चुनाव में सक्रिय है, जबकि द्वितीय पुत्र उदय मांझी छात्र नेता हैं। तृतीय बेटा धनु मांझी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं चौथा बेटा अर्जुन मांझी कॉलेज स्टूडेंट है।
क़द्दावर आदिवासी नेताओं में शामिल थे जोबा के पति
जोबा के पति देवेंद्र मांझी झारखंड के बड़े आदिवासी नेताओं में से एक थे। देवेंद्र मांझी 1980 में चक्रधरपुर और 1985 में मनोहरपुर से विधायक रहे थे। 14 अक्तूबर 1994 को उनकी हत्या हो गयी, जिसके बाद से उनके राजनीतिक विरासत को जोबा मांझी संभाल रही हैं।
स्वच्छ छवि है जोबा की पहचान
पांच बार विधायक और चार बार मंत्री रहीं जोबा मांझी की छवि अबतक बेदाग राजनेता के रूप में रही है। पति की हत्या के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखना और चार- चार बच्चों का लालन- पालन करते हुए जनता की सेवा करना आसान नहीं होता है। जोबा राजनीति के हर कसौटी पर अबतक खरा उतरी हैं। मनोहरपुर विधानसभा सीट पर अबतक उन्होंने पांच बार जीत हासिल किया है यह बड़ी बात है। अब पार्टी ने उन्हें लोकसभा का टिकट दिया है अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जोबा पार्टी के इस कसौटी पर कितना खरा उतरती है।
रेस में सबसे आगे चल रहे दशरथ पर पार्टी ने क्यों नहीं लगाया दाव
दशरथ गगराई मजूदा खरसवाँ से विधयक है, व दो बार विधयक बने है। युवा तेज तरार नेता में उनकी गिनती होती है। उनको टिकट नहीं देना का एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि खरसवाँ विधानसभा खूँटी लोकसभा में अति है एसे में एक ग़ैर सिंहभूम छेत्र से उम्मीदवार देना जोखिम भरा हो सकता था।