कुड़मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल करने की मांग, सांसद-विधायकों को चेतावनी”
कुड़मी सेना के सचिव पोबीर महतो ने एक महत्वपूर्ण बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि कुड़मी समाज को आदिवासी सूची से बाहर किए जाने के बाद से समाज आंदोलन कर रहा है।
उन्होंने यह भी कहा है कि राजनीतिक दल कुड़मी वोटों का इस्तेमाल करके सांसद, विधायक, मुखिया, सरपंच और वार्ड मेंबर बन रहे हैं, लेकिन सदन में जाकर मौन रहते हैं।
पोबीर महतो ने कहा है कि कुड़मी समाज को पुनः आदिवासी सूची में लाने की मांग को लेकर सांसद और विधायक आवाज बुलंद करें नहीं तो दिल्ली में हुए हुड़का जाम, रेल टेका और जनसभाओं की तरह सड़क से सदन, सांसद विधायक आवास जाम होगा।
उन्होंने कुड़मी समाज के युवाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं से अनुरोध किया है कि वे एक साथ एक मंच पर आकर समाज के भलाई के लिए “हम एक है” का आवाज बुलंद करें। उन्होंने सरकार से मांग की है कि कुड़मी समाज को पुनः आदिवासी सूची में शामिल किया जाए और कुड़माली भाषा को 8वीं सूची में शामिल किया जाए।
इस मामले में हम आपको आगे की जानकारी देते रहेंगे।