सरायकेला ठाकुराणी दरोह में 14 जनवरी को हजारों श्रद्धालु लगाएंगे आस्था पूर्वक मकर डुबकी
सरायकेला(पारस कुमार होता) :- प्रखण्ड सरायकेला अन्तर्गत मुरुप एव गोविंदपुर गाँव के बीच संजय नदी तट के “ठाकुराणी दरोह” में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी मकर संक्रांति के दिन हजारों श्रद्धालु आस्था पूर्वक मकर डुबकी लगाकर माता ठाकुराणी देवी के दरबार में अपने व परिवार की सुख शांति व समृद्धि के लिए पूजा अर्चना करेंगे। यहाँ के मुख्य पुजारी शुक्रा सरदार ने बताया कि हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी माता ठाकुराणी देवी की शक्तिपीठ में मकर पूजा 14 जनवरी 2025 को ही की जाएगी। उन्होंने बताया कि शक्ति पीठ में माता ठाकुराणी देवी की सच्चे मन से आराधना करने वालों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
कैसे पहुँचे ठाकुराणी दरबार माता ठाकुराणी देवी की दरबार पहुंचने के लिए रेलवे मार्ग में आप ट्रैन से महालिमोरूप रेलवे स्टेशन में उतरकर मुरुप गाँव होकर सुगमता से पहुंच सकते है। इसके अलावे सड़क मार्ग में आप सरायकेला से खरसावां मार्ग पर चलकर गोविंदपुर गाँव होते हुए सहज ही पहुंच सकते है।
निशुल्क सेवा शिविर का होगा आयोजन
मकर संक्रांति के दिन जय माँ ठाकुराणी सेवा संघ, गोविंदपुर के द्वारा निशुल्क सेवा शिविर का आयोजन किया जाएगा। उक्त आशय की जानकरी देते हुए आयोजन समिति के मृत्युंजय पति ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन यहाँ पहुंचे श्रद्धालुओं की सेवा के लिए सेवा समिति के कार्यकर्ता तत्पर रहेंगे और वहीं श्रद्धालुओं के बीच खीर खिचड़ी चाय आदि निशुल्क मुहैया कराएंगे।
माता ठाकुराणी शक्तिपीठ को पर्यटन स्थल बनाने की उठी मांग सरायकेला प्रखण्ड अन्तर्गत मुरुप व गोविंदपुर गाँव के बीच संजय नदी के तट पर प्राकृतिक छटाओं से भरपूर बड़े बड़े चट्टानों के बीच दैवी स्थल माता ठाकुराणी देवी की शक्तिपीठ अवस्थित है जो पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील होने की बाट जोह रही है। इस शक्ति पीठ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की मांग स्थानीय लोगों ने संबंधित विभाग व जनप्रतिनिधियों से कई बार कर चुके है । उक्त आशय की जानकारी देते हुए स्थानीय युवा समाजिक कर्यकर्ता हेमसागर प्रधान ने बताया कि यह शक्तिपीठ को पर्यटन स्थल के रूप में तब्दील होने से क्षेत्र का विकास में नया आयाम खुलेगा। इसे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगी।
ठकुरानी शक्तिपीठ की खास बातें
ठाकुराणी शक्तिपीठ के विषय में विशेष जानकारी देते हुए मुरुप निवासी सह युवा समाजजिक कार्यकर्ता हेमसागर प्रधान ने बताया कि माता ठाकुराणी देवी के शक्तिपीठ से होकर बहने वाली संजय नदी की जलधारा कभी भी नहीं सुखती है। ग्रीष्म ऋतु में बड़ी बड़ी नदियों का जलधारा थम जाती है, वहीं छोटी सी संजय नदी में इस स्थल पर जल का प्रवाह रहता है। यही नहीं बल्कि यहाँ निर्मल जल का एक जलाशय भी है जिसका जल बारह महीने एक जैसा बना रहता है। स्थानीय लोग इस जलाशय को “ठाकुराणी दरोह ” के नाम से जानते है।