डोबो, रूगड़ी, पुड़िसिली ग्राम सभा ने नगर परिषद का किया विरोध, 6 जून को डीसी कार्यालय पर प्रदर्शन
ईचागढ़: 1 जून 2025 को डोबो स्कूल प्रांगण में डोबो के पारंपरिक ग्राम प्रधान शंकर सिंह की अध्यक्षता में डोबो, रूगड़ी और पुड़िसिली ग्रामों की संयुक्त ग्राम सभा की बैठक हुई। इस बैठक में तमोलिया पंचायत के अंतर्गत आने वाले इन राजस्व ग्रामों को नगर परिषद के तहत लाने की योजना का सर्वसम्मति से विरोध किया गया। ग्राम सभा ने निर्णय लिया कि 6 जून को सरायकेला खरसावां के डीसी कार्यालय के समक्ष विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और एक ज्ञापन सौंपा जाएगा।

बैठक में ग्राम सभा ने दैनिक अखबारों के हवाले से जानकारी का उल्लेख किया कि डोबो, रूगड़ी, पुड़िसिली और तमोलिया को नगर निगम के अंतर्गत लाने की योजना है, जिसे ग्रामीणों ने सरासर गलत बताया। उनका कहना है कि पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में नगर परिषद अवैध है। इस क्षेत्र में रूढ़ि प्रथा को मानने वाले आदिवासी और मूलवासी रहते हैं, और नगर परिषद जैसे कानून से उनकी परंपराओं और रीति-रिवाजों पर सीधा हमला होगा। यह ग्राम सभा को समाप्त करने और आदिवासी-मूलवासियों की स्वतंत्रता पर प्रहार का प्रयास है।
ग्राम सभा ने आरोप लगाया कि पूंजीपति, बिल्डर और टाटा स्टील जैसे कॉरपोरेट घराने नगर परिषद के जरिए ग्राम सभा को संवैधानिक बल से वंचित करने की साजिश रच रहे हैं। बैठक में कहा गया कि भारत के संविधान की धारा 244(1)(2) के तहत पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में रूढ़ियों, प्रथाओं और ग्राम सभा को विधि का बल प्राप्त है। ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन से इस पर संज्ञान लेने और नगर निगम की योजना को रोकने की मांग की, अन्यथा जोरदार आंदोलन की चेतावनी दी, जिसका जिम्मेदार सरकार और विभाग होंगे।
ग्राम सभा ने सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया। एक तरफ सरकार सरना धर्म कोड का ढिंढोरा पीट रही है, वहीं दूसरी तरफ रूढ़ि प्रथा से संचालित ग्राम सभा को खत्म करने की कोशिश कर रही है। ग्रामीणों ने पूछा, “आदिवासी अलग धर्म कोड लेकर क्या करेंगे, जब उनकी स्वशासन व्यवस्था ही समाप्त कर दी जाएगी?” उन्होंने मांग की कि सरकार सीएनटी एक्ट और ग्राम सभा के सशक्तिकरण पर ध्यान दे, न कि कॉरपोरेट घरानों का साथ देकर आदिवासी-मूलवासियों की स्वायत्तता को खत्म करे।
