Election Ink Factsलोकतंत्र को मजबूत करने वाली स्याही से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
Special Report:- कुमार अशोक(Dhanbad)
चुनावी स्याही,अमिट स्याही,चुनावी दाग,या फॉस्फोरिक स्याही का प्रयोग दोहरे मतदान जैसे चुनावी धांधली को रोकने के लिए चुनाव के दौरान मतदाताओ के बाएं हाथ के तर्जुनी अंगुली पर चुनाव अधिकारी के द्वारा लगाया जाता है यह स्याही जल्दी मिटती नहीं है लोकतंत्र को मजबूत करने वाली या स्याही चुनाव का अभिन्न अंग है
यह स्याही मैसूर पेंट्स ऐंड वर्निश लिमिटेड बनाती है यह स्याही बनाने बाली कंपनी की शुरूआत साल 1937 मे हुई थी स्याही बनाने का विधि भी गोपनिय है यह कंपनी किसी और के साथ स्याही बनाने की विधि शेयर नही करती है कंपनी भारत मे ही नही बल्कि विश्व के 25 से 30 देशो मे इस स्याही का निर्यात करती है स्याही के एक शीशी मे कम से कम 700 उंगलियो पर पक्की निशान लगाई जा सकती है इसका पहली वार भारत मे प्रयोग 1962 के आम चुनाव मे हुआ था स्याही का विकास भारतीय औद्योगिक अनुसंधान परिषद और राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के द्वारा किया गया था और मैसूर पेंट्स ऐंड वार्निश कंपनी के द्वारा निर्मित किया गया।
स्याही का आणविक सूत्र C14H26N24S होता है इस स्याही मे सिल्वर नाइट्रेट पाया जाता है जिससे त्वचा पर दाग पड जाता है जिसे धोना बहुत ही मुश्किल होता है