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गुमला के अनाथ बच्चों की कहानी: उम्मीद और संघर्ष”

गुमला के सिसई प्रखंड में एक दुखद कहानी सामने आई है। तेलंगा खड़िया के वशंज नितेश खड़िया और मोनिका कुमारी अनाथ हो गए हैं और उनकी देखभाल उनकी बूढ़ी दादी कोलो खड़ियाइन कर रही है।

 

नितेश और मोनिका के पिता की हत्या अपराधियों ने कर दी थी और उनकी मां ने भागकर दूसरी शादी कर ली। इस तरह दोनों भाई-बहन अनाथ हो गए और उनकी जिंदगी मुश्किल हो गई।

 

ग्रामीण चाहते हैं कि प्रशासन दोनों बच्चों के परवरिश का जिम्मा उठायें। नितेश खड़िया ने कहा है कि वे और उनकी बहन बूढ़ी दादी के भरोसे हैं और प्रशासन से अनुरोध किया है कि उन्हें आवासीय स्कूल में नामांकन करा दें और उनकी बहन का दाखिला कस्तूरबा स्कूल में कराने की मांग की है।

 

यह एक बहुत ही दुखद कहानी है और हमें उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इन दोनों भाई-बहन की मदद करेगा।

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