एक ट्रस्कर हाथी ने एक व्यक्ति क़ो अपने सूढ़ में लपेट कर उठा कर हवा में फेंका ,गंभीर हालत में अस्पताल में दाखिल
ईचागढ़ : चांडिल वन क्षेत्र के अधीन पुरियारा गांव में भ्रमण कर रहे दो मस्त ट्रस्कर हाथी ने सूढ में लैपट कर एक व्यक्ति को फ़ेंक फेंक दिया । ग्रामीणों की सूचना मिलते ही चांडिल वन क्षेत्र के वनपाल द्वारा घायल को तत्पश्चात नीमडीह स्वास्थ केंद्र पहुंचा गया जहां पर उसका इलाज चल रहा है.नीमडीह थाना क्षेत्र के लाकड़ी पंचायत के पुड़ियारा गांव के निवासी जरलू उर्फ जुरगु गोप 60 वर्षीय प्रतिदिन सुबह पांच बजे के आसपास दारू पीने के आपने घर से एक किलोमीटर दूरी गांव के बाहर एक झुपडी होटल पर दारू पीने जाता था. इसी जाने के क्रम में चांडिल दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के दो विशाल ट्रस्कर हाथी के चपेट में आ गया ।शराबी को एक मस्त ट्रस्कर हाथी अपने सूढ़ में लपेट कर उठा कर हवा में फेंक दिया. जमीन में गिरते ही जरलु गोप बेहोश हो गया ।हाथी उसे छोड़कर जंगल की ओर चलते बने ।
नीमडीह थाना क्षेत्र के कादला, चातरमा जंगलों में दलमा सेंचुरी के गज परियोजना के गज बारह महीना भ्रमण करते रहते हैं.कुछ दिन पूर्व चांडिल वन क्षेत्र के वनपाल राणा महतो ने ग्रामीण और महिलाए बच्चे युवक़ो को आगाह किया था कि लोग आपने घरों से शाम होने पर घर से बाहर नहीं निकले. एवं अहले सुबह सुबह घूमने के सख्त माना किया था साथ ही जानकारी दिया गया था ।शराबी ने कहा हाथी मेरा साथी हे ,कोई डराने की जरूरत नहीं ओर आज हाथी से सीधी बर्तालाव में जाने से बाल बाल बचा । हालाकि चोटे लगी है जो इलाज चल रहा स्वास्थ्य ठीक होने पर उसे छूटी मिल जायेगा ।हाथी द्वारा घटे सुचना पाते ही वन विभाग के वनपाल राणा महतो वन क्षेत्र पदाधिकारी मिरज मिर्धा ने नीमडीह सीएचसी में पीड़िता का उपचार कराया जा रहा हे। पीड़िता को तत्काल उपचार के लिए पीड़िता को पांच हजार रुपए नकद राशि दिया गया। सूत्र के अनुसार दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गज परियोजना से आखिर गज पलायन के पीछे क्या राज है। क्यू नही इस पर ठोस कदम उठा रहे हे,विभाग पांच वर्षो से गज परियोजना में केसे गजों का जनगणना कर रहे हे।आज दलमा सेंचुरी गजो लापतागज बन चुके हैं । इस सेंचुरी में पानी भोजन की प्रज्मात्रा से नही मिलने के कारण हाथी की झुंड ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में विभिन्न जंगल में डेरा डाला डाल चुके हे।इस क्षेत्र हाथी की झुंड को आवाजाही और भ्रमण शील के लिए जगह की कमी नही है ओर सेंचुरी 193.22 वर्ग में रह गया। भ्रमण के लिए जगह कम होने लगा ।चांडिल डैम जलाश्य में पानी भरपूर मात्रा में हाथी की झुंड प्रत्येक दिन जलक्रीड़ा करते देखा जाता साथ ही गांव में प्रवेश करके भोजन की कमी नही रहता है।नीमडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न जगल की तराई क्षेत्र में अवैध रूप से देशी महुआ की भाटी से चुलाई करते हे। महुआ जावा और बासकी अवशेष को खाने के बाद हाथी की झुंड मस्त होकर गांव में भ्रमण करते रहते हे।जो प्रतिदिन का रूटिंग बना लिया ।देशी महुआ शराब की भाटी से चुलाई होने से मानव जाति पर ही नही बल्कि जंगली हाथियों को आदत सी हो गया ।जिसे आने वाले समय इस अवैध महुआ शराब चुलाई पर रोक नही लगा तो जंगली जीवजंतु और मानव समुदाय के लिए जान लेवा सावित होगा इसका जिम्बेदार कोन होगा ।जिस दिन हाथी को देशी महुआ और अवशेष नही मिलने पर मनुष्य को टारगेट करेगा और जान माल की सुरक्षा की जिम्बेदारी किसे दिया जायेगा ।आज हाथी की झुंड नसे में चूर रहता है। वन विभाग द्वारा अबतक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया । वन क्षेत्र में देशी शराब की चुलाई जोरो से चल रहा हे।जिला मद उत्पाद विभाग और क्षेत्रीय थाना द्वारा कोई कारवाई नही करता जिसे देशी शराब माफिया का मनो वल बड़ा हुआ है।ओर धड़ल्ले से चुलाई जारी है। सूत्रों से पता चला कि कुकडू प्रखंड क्षेत्र के बंगाल से जुड़ा हुआ मुनीबेड़ा जंगल में तथा तुलिनडीह जंगल में हाथियों ने डेरा डाला हुआ है, जिस कारण ग्रामीणों में दहशत फैला हुआ है।