Jamshedpurझारखण्डराजनीति

कदमा केडी फ्लैट सार्वजनिक सड़क को बंद करने के मामले पर जेएनसी ने पल्ला झाड़ा, जवाहरलाल शर्मा और पत्रकार अन्नी अमृता ने केडी फ्लैट की सड़क के मुद्दे पर डीसी से मिलकर उठाए सवाल,शहर में किसकी सरकार? डीसी ने उचित कार्रवाई का दिया आश्वासन, पढिए आरटीआई में क्या अजीबोगरीब मिला?

जमशेदपुर के चर्चित कदमा केडी फ्लैट की सार्वजनिक सड़क को महीनों से बंद करने के मामले पर आरटीआई से अजीबोगरीब जानकारी सामने आई है.वह जानकारी यह है कि इस सड़क को बंद करने का मामला जेएनसी कार्यालय से संबंधित नहीं है.जेएनसी के अनुसार यह मामला टाटा लैंड विभाग से संबंधित है.इसलिए इस संबंध में टाटा लैंड विभाग को एक पत्र प्रेषित किया जा सकता है.उसके बाद जैसा उत्तर आएगा, सूचना उपलब्ध करा दी जाएगी.इस अजीबोगरीब जवाब को पाकर मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने डीसी से समय लिया और सोमवार की दोपहर तीनों की मीटिंग तय हुई.मीटिंग में डीसी के समक्ष सवाल उठाए गए कि आखिर शहर में किसकी सरकार चल रही है?जवाहरलाल शर्मा ने पूछा कि आखिर बिना प्रशासन की अनुमति के कैसे एक सार्वजनिक सड़क को टाटा स्टील यूआईसीएल और टाटा स्टील ने रातों रात बंद कर दिया? जेएनसी आरटीआई में यह लिखकर कि ‘उनके कार्यालय से संबंधित नहीं है’, कैसे अपना पल्ला झाड़ सकती है?वहीं इस मामले को लेकर सोशल मीडिया में अभियान चला रहीं और मुद्दे पर मुखर वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने डीसी को बताया कि पहले भी जुबिली पार्क से गुजरनेवाली सार्वजनिक सड़क को बंद कर दिया गया था, जिसकी व्यापक मीडिया कवरेज के बाद जन आंदोलन होने के खतरों के बीच फिर खोल दिया गया.अन्नी ने सवाल उठाया कि एक तरफ रांची हाई कोर्ट के आदेश पर जेएनसी अवैध निर्माण, बेसमेंट में व्यवसायिक गतिविधियों और नक्शा विचलन के खिलाफ जोरदार कार्रवाई कर रही है, दूसरी तरफ केडी फ्लैट के सार्वजनिक सड़क को बंद करने के मुद्दे पर आरटीआई के जवाब में उसे ‘अपने कार्यालय से संबंधित नहीं’ बताकर पल्ला झाड़ रही है.अन्नी ने पूछा कि जेएनसी इसे टाटा लैंड विभाग का मामला बता रही है तो क्या टाटा लैंड विभाग शहर का मालिक है?वह बिना प्रशासनिक अनुमति के कहीं भी कोई भी सार्वजनिक सड़क बंद कर सकता है? अन्नी ने डीसी को बताया कि इस मामले पर एक राजनीतिक दल के प्रतिनिधि सह अधिवक्ता ने crpc 133 का केस एसडीओ कार्यालय में किया है, लेकिन उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.अन्नी ने डीसी को बताया कि बिना पब्लिक हेयरिंग के पहले तो गेट लगाया गया और फिर रातों रात सार्वजनिक सड़क पर दीवार खड़ी कर दी गई और उस क्षेत्र के हजारों लोगों का रास्ता बंद हो गया.यह सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन और मनमानी है.मगर कानूनी तरीके से ही इस अन्याय के खिलाफ लड़ना है.

 

डीसी से मामले का संज्ञान लिया और आश्वासन दिया कि इसमें उचित कार्रवाई होगी.वे इस संबंध में एसडीओ से बात करेंगे.

 

 

 

क्या है मामला

——————

 

बता दें कि मानवाधिकार कार्यकर्ता जवाहरलाल शर्मा ने महीनों से बंद कदमा केडी फ्लैट की सार्वजनिक सड़क के संबंध में आरटीआई डाला था, जिसको लेकर वे वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता के साथ लगातार प्रथम अपीलीय पदाधिकारी एडीसी के कार्यालय की दौड़ लगा रहे थे.एक महीना बीत जाने के बाद भी सूचना उपलब्ध न होने पर फिर जवाहरलाल शर्मा ने एडीसी कार्यालय में अपील दायर की.इसी बीच लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई और आचार संहिता लागू हो गई, जिसके बाद मामला लंबित हो गया.आचार संहिता 6जून को खत्म होते ही एक बार फिर जवाहरलाल शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने एडीसी कार्यालय का दौड़ लगाना शुरु किया, जहां पता चला कि अब इस मामले की सूचना जेएनसी के अपर नगर उपायुक्त उपलब्ध कराएंगे.

 

आइए देखते हैं जवाहरलाल शर्मा ने आरटीआई के तहत कौन सी सूचनाएं मांगी थी—

 

1–केडी फ्लैट कदमा के मेन रोड को कई महीनों से बंद कर दिया गया है, आखिर क्यों?

 

2–क्या यह जानकारी उपायुक्त महोदय को है या नहीं? कृपया हां या ना में जवाब दें

 

3–अगर उपायुक्त महोदय को जानकारी है और उनकी सहमति से ही ऐसा किया गया है तो कृपया बताएं कि कानून की किस धारा अथवा उपधारा के अन्तर्गत ऐसा किया गया है?कृपया हां या ना में जवाब दें.

 

4–अगर उपायुक्त की अनुमति व जानकारी के बगैर ऐसा किया गया है तो कृपया बताएं ऐसा क्यों किया गया है तथा उस सार्वजनिक सड़क को खोलने के लिए उपायुक्त महोदय के द्वारा क्या कदम उठाया गया है?कृपया यह बताएं कि इस सार्वजनिक हित के मामले में किस तारीख तक उस सड़क को जनता के लिए खोल दिया जाएगा?

 

उपरोक्त सवालों के जवाब में जेएनसी ने निम्नलिखित सूचना दी है—

 

इस कार्यालय से संबंधित नहीं है.

 

यह मामला टाटा लैंड विभाग से संबंधित है इसलिए इस संबंध में टाटा लैंड विभाग को एक पत्र प्रेषित किया जा सकता है.तत्पश्चात उत्तर प्राप्त होने पर सूचना उपलब्ध करा दी जाएगी.

 

 

 

 

उपरोक्त जवाब पर कानूनविद भी हैरान हैं.अधिवक्ता सुधीर कुमार पप्पू ने कहा है कि सार्वजनिक सड़क को लेकर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है कि बिना जनसुनवाई के उसे रातों रात बंद नहीं किया जा सकता,फिर जमशेदपुर में जेएनसी की नाक के नीचे रोड बंद करके दीवार कैसे खड़ी कर दी गई? सुधीर कुमार पप्पू ने यह भी सवाल उठाया कि सार्वजनिक सड़क के मामले को लेकर टाटा लैंड विभाग को पत्र लिखने की बात कहने का क्या अर्थ है? यहां लैंड की बात ही कहां है, यहां तो सार्वजनिक सड़क की बात हो रही है.उन्होंने कहा कि जेएनसी के अंदर टाटा है….टाटा के अंदर जेएनसी नहीं..बिना जेएनसी की अनुमति के आम जनता कोई कार्य नहीं कर सकती है तो टाटा की दबंगई कैसे हो गई?

 

सुधीर कुमार पप्पू ने आगे कहा कि चूंकि प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर टाटा से नागरिकों के रोजगार टाटा से जुड़े हैं इसलिए वे विरोध नहीं कर पाते…

Share this news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *