GeneralLatestझारखण्डधर्म

झारखंड के महान साहित्यकार, समाजसेवी और कर्मयोगी श्री सुनील कुमार दे का योगदान अविस्मरणीय

पोटका, झारखंड: झारखंड के पोटका और राजनगर क्षेत्र में रक्तदान के जनक के रूप में जाने जाने वाले श्री सुनील कुमार दे ने अपने जीवनकाल में अनेक साहित्यिक, सामाजिक और धार्मिक कार्य किए हैं।

 

श्री दे ने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज के वास्तविक छवि को उजागर किया है और जन जागरण, जनकल्याण का काम किया है। उन्होंने अंधविश्वास, कु-प्रथा और कु-रीति का विरोध किया है और सभी धर्मों को समरूप से देखने की बात कही है।

 

श्री दे ने अभी तक 34 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें से हाल ही में प्रकाशित तीन धार्मिक और ऐतिहासिक पुस्तकें “कपड़ा गादी घातेर रंकणी मां”, “युगपुरुष विनय दास बाबा जी” और “महा तीर्थ मुक्तेश्वर धाम” बहुत लोकप्रिय हुई हैं।

 

उनके योगदान को देखते हुए उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा 45 से अधिक उपाधियों से सम्मानित किया गया है। उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की मांग की जा रही है।

 

हम श्री सुनील कुमार दे के योगदान की सराहना करते हैं और उनके भविष्य के कार्यों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।

Share this news

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *