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लेपाटांड़ का ऐतिहासिक फुटबॉल मेला अब दारू और जुए के अड्डे में तब्दील, भीड़ के सामने पुलिस भी बेबस

ईचागढ़ : प्रखंड के लेपाटांड़ में पोष महीने के पहले रविवार को लगने वाला ऐतिहासिक फुटबॉल मेला अब अपनी परंपरागत पहचान खोता नजर आ रहा है। यह मेला अब फुटबॉल प्रतियोगिता से ज्यादा जुआ, दारू, चखना और हथियारों के अड्डे के लिए चर्चित हो गया है।

फुटबॉल प्रतियोगिता के दौरान मैदान के आसपास जुए के अड्डे, अवैध शराब के स्टॉल और चखना की दुकानों पर भारी भीड़ जमा रहती है। ईचागढ़ थाना की पुलिस टीम मौके पर तो पहुंचती है, लेकिन भीड़ के आगे वह मूकदर्शक बनी रहती है। वर्ष 2017 में इसी मैदान के बगल में फुटबॉल प्रतियोगिता देखने के दौरान एक व्यक्ति पेड़ से गिरकर जान गंवा बैठा था। इसके बावजूद, इस साल भी प्रतियोगिता के दौरान बड़ी संख्या में लोग पेड़ों पर चढ़कर मैच का लुत्फ उठाते देखे गए। कमेटी ने इन घटनाओं से सबक लेने के बजाय, पेड़ों पर चढ़ी भीड़ को लेकर माइकिंग कर गर्व व्यक्त किया। कमेटी और प्रशासन ने लोगों को पेड़ों पर चढ़ने से रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इससे हादसों की संभावना बढ़ गई है। अगर कोई दुर्घटना होती है, तो जिम्मेदारी किसकी होगी, यह बड़ा सवाल है। स्थानीय लोग मेले में हो रही इन अनैतिक गतिविधियों और प्रशासनिक उदासीनता पर नाराजगी जता रहे हैं। लोगों का कहना है कि फुटबॉल मेला अब अपनी ऐतिहासिक पहचान खोता जा रहा है और यह प्रशासन व कमेटी की लापरवाही का नतीजा है। ऐतिहासिक मेले को अपनी पुरानी गरिमा वापस दिलाने और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कमेटी और प्रशासन को कड़े कदम उठाने की जरूरत है। अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जानी चाहिए और सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करना चाहिए।

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