Mother tongue will be taught in Jharkhand Govt. Schools- मातृभाषा में शिक्षा देने की तैयारी एक विप्लवी शुरुआत : डॉ शुभेन्दु महतो
Saraikella:- चंपाई सोरेन सरकार की ओर से राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में मातृभाषा में पढ़ाई हेतु क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया का सरायकेला-खरसावां झामुमो की ओर से स्वागत किया गया है। इस संदर्भ में एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जिलाध्यक्ष डॉ शुभेन्दु महतो ने इसे विप्लवी कदम करार देते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा देने की बात काफ़ी समय से की जाती रही है। किंतु राज्य निर्माण के विगत 24 वर्षों में किसी भी सरकार ने इसे धरातल पर उतारने की हिम्मत नहीं की। राज्य में लगातार ऐतिहासिक फैसलों से नये कीर्तिमान स्थापित कर रही चंपाई सोरेन सरकार ने इस ऐतिहासिक फैसले से मील का पत्थर गाड़ने का कार्य किया है।
झारखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियां ऐसी हैं कि यहां की अधिसंख्य जनता सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में निवास करती है। उन इलाकों में अलग-अलग प्रकार की क्षेत्रीय भाषाएं बोली जाती हैं। छोटे-छोटे बच्चों को उनके क्षेत्रीय मातृभाषा की बजाय सीधे अंग्रेजी या हिंदी में जबरदस्ती धकेलने पर मानसिक छीजन पैदा होती है। बच्चे अपनी शिक्षा के प्रारंभिक दौर में ही भाषाई कठिनाइयों की वजह से अरुचि से ग्रस्त होकर पढ़ाई छोड़ देते हैं। ऐसे में मातृभाषा शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया एक ऐतिहासिक और सुखद पहल है।
इससे जहां सुदूरवर्ती क्षेत्रों के बच्चे पढ़ने में रुचि लेंगे वहीं राज्य की शिक्षा दर में भी उछाल आएगा। मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना हर बच्चे का नैसर्गिक अधिकार है। उन्होंने जिले के तमाम प्रारंभिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों से आग्रह किया है कि वर्तमान में शिक्षा विभाग की ओर से विद्यालय के पोषक क्षेत्र में बोली जाने वाली क्षेत्रीय भाषा का जो डाटा मांगा है उसे बारीकी से अध्ययन कर सटीक डाटा भरें ताकि बच्चों के मातृभाषा शिक्षकों की नियुक्ति में कोई विसंगति न हो। इस सर्वे में स्कूल के हर शिक्षक का अहम योगदान होना चाहिए ताकि नौनिहालों का भविष्य स्वर्णिम हो। आगे डॉ महतो ने कहा कि हम माननीय मुख्यमंत्री और झारखण्ड सरकार का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। साथ ही सरकार को शुभकामनाएं देते हैं कि झारखंडी हित में ऐसे ही तेज़ी से विकास कार्य के जरिए उत्थान का सफर जारी रखें।