RD Rubber Factory Labour Strike-आरडी रबर कंपनी मजदूरों के साथ प्रबंधन का दुर्व्यवहार, 270 मज़दूर उतरे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
Saraikella:- मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार और श्रम कानूनों के उल्लंघन मामले से त्रस्त आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया के गम्हरिया स्थित आरडी रबर फैक्ट्री के 270 ठेका व स्थाई मजदूर इचागढ़ के पूर्व विधायक और भाजपा नेता अरविंद सिंह के नेतृत्व में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। आपको बता दें कि अरविंद सिंह कोल्हान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष भी हैं। मजदूरों ने अपनी पीड़ा अरविंद सिंह को बताई जिसके बाद अरविंद सिंह ने प्रबंधन से वार्ता कर बीच का रास्ता निकालने का प्रयास किया, मगर प्रबंधन ने नहीं माना। अंततः सोमवार से मजदूर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
मजदूर यूनियन के बसंत कुमार ने बताया कि कंपनी स्थाई और अस्थाई मजदूर के साथ दुर्व्यवहार कर रही है, अस्थाई मजदूर को न्यूनतम मजदूरी पीएफ ईएसआई की सुविधा नहीं दी जाती ,जबकि अस्थाई ठेका कर्मियों को उनका हक और अधिकार तक नहीं दिया जा रहा।
चुनाव के लिए छुट्टी मांगने गए मजदूरों के साथ प्रबंधन ने की गाली गलौज
कोल्हान मजदूर यूनियन को मजदूरों ने बताया कि लोकसभा चुनाव को लेकर जिला प्रशासन द्वारा सवैतनिक छुट्टी दिए जाने पर कंपनी एच आर प्रमुख ने मजदूर मधुवा सोरेन, उदय कांत झा समेत अन्य लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया मजदूर उदय कांत झा को चार्ज सीट थमा दिया गया है।
कंपनी प्रबंधन कर रही है मज़दूरों की सेहत से खिलवाड़
कंपनी प्रबंधन द्वारा मजदूरों के स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है, रबड़ बनाने वाले कंपनी में रेजिन पाउडर का प्रयोग होता है जो मजदूरों के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है ,मजदूरों के स्वास्थ्य की भी जांच प्रबंधन द्वारा नहीं कराई जाती है। बिना जाँच किए मज़दूरों को काम पर रख लिया जाता, 2-3 साल काम कराने के बाद स्वास्थ्य जाँच करवाई जाती है और मेडिकली अनफिट बताकर मज़दूरों को काम से बाहर निकाल दिया जाता है। प्रबंधन द्वारा मज़दूरों को सेफ्टी गियर जैसे साँस रोग से बचने के लिए कंपनी ग्रेड मास्क, स्किन कैंसर से बचने के लिए लौंग दस्ताने नहीं दी जाती है।
कंपनी हानि में है बताकर मज़दूरों को नहीं दी जाती है इंसेंटिव
मज़दूरों ने बताया कि कंपनी एस्टीब्लिश होने के बाद साल दर साल प्रोडक्शन बढ़ा है। शुरुआत में कंपनी 2150 MT प्रोडक्शन करती थी जो बढ़कर 4510 MT हुई जो बढ़कर अब 11750 MT हो चुकी है। हम मज़दूरों जी जान लगाकर इतनी प्रोडक्शन देते है लेकिन जब इंसेंटिव की माँग करते है तो कंपनी लॉस में है बताकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इन सारे समस्याओं को लेकर कंपनी के विरुद्ध मजदूरों ने बिगुल फूंका है।