Youngest Mount Everest climber-पिता और पुत्री दुनिया की सबसे ऊंची शिखर को फ़तह कर लौटे
Jamshedpur:- कहावत है जिन्हें मंजिल पाना होता है वह रास्ता खुद ही बना लेते हैं। 16 साल 7 महीने कि भारतीय नेपाल की रहने वाली काम्या कार्तिकेयन अपनी हिम्मत और हौसले से माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी फतह करने वाली बन गई। वह सुरक्षित जमशेदपुर लौटी और टाटा स्पोर्ट कांप्लेक्स में आयोजित कार्यक्रम में टाटा स्टील ने पिता-पुत्री दोनों को सम्मानित किया।
काम्या के पिता सुदर्शन कार्तिकेयन भारतीय नौसेना के कमांडर है, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह अपनी पुत्री को हिम्मत देते रहे। बता दें कि टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के सहयोग से वह एवरेस्ट फतह की।
पिता पुत्री 20 मई को एवरेस्ट की 8849 मीटर ऊंची चोटी पर पहुंचे थे। कमियां मुंबई के नौसेना बाल विद्यालय में 12वीं कक्षा साइंस की छात्रा है।
मीडिया से बातचीत के दौरान काम्या ने बताया कि एवरेस्ट फतह करने के बाद सबसे पहले व अपने मां को फोन किया और अपनी अनुभव साझा करते हुए कहा यह दिलचस्प कहानी है इस 60 दिन का सफर में काफी कठिनाई और परेशानी का सामना करना पड़ा है। लगातार मौसम बदलता रहा ऑक्सीजन की कमी महसूस होती रही, सेटेलाइट फोन से मां को फोन किया था और सारी अनुभव साझा किया था हमेशा डर लगा था कि कोई हिम का टुकड़ा आंखों में ना चला जाए, लेकिन सारी परेशानियों के बावजूद हमने शेरपा की मदद से एवरेस्ट फतह किया. आज हमें काफी गर्व महसूस हो रहा है।