“हरिणा मेला 15 जून से, भक्ति और आस्था का केंद्र बन चुका है मुक्तेश्वर धाम”
हरिणा पर्व और हरिणा मेला झारखंड के एक प्रमुख धार्मिक आयोजन हैं, जो इस वर्ष 15 जून से शुरू हो रहे हैं। यह मेला पोटका के मुक्तेश्वर धाम में आयोजित किया जाता है, जो अपनी अनोखी कहानी और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।

हरिणा मेला की शुरुआत 15 जून से होगी, जो रज संक्रांति के अवसर पर मनाया जाता है। यह मेला लगभग एक सप्ताह तक चलता है और झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल से श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मेले के दौरान जागरण, जाम डाली, गोरियाभार, छौ नृत्य और रजनी फुड़ा जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
मुक्तेश्वर धाम में बाबा भोलेनाथ का मंदिर है, जो अपनी विशेष पूजा पद्धति के लिए प्रसिद्ध है। भगता लोग सुबह भगता पुकुर में स्नान करके बाबा के दरबार में आते हैं और पूजा करते हैं। इस अवसर पर करीब दस हजार भगता बाबा की पूजा करेंगे।
मुक्तेश्वर धाम में काली मंदिर, गणेश मंदिर, हरि मंदिर, माँ पौड़ी मंदिर, हनुमान मंदिर और गुफा मंदिर जैसे कई प्रमुख मंदिर हैं। इसके अलावा जाहेर थान, यज्ञ शाला, विवाह मंडप, धुनि कुंड और मोहन बाबा का समाधि मंदिर भी दर्शनीय स्थल हैं।
लोक कथा के अनुसार, बाबा भोलेनाथ का आविर्भाव एक गाय के माध्यम से हुआ था। आज हरिणा मेला एक तीर्थ का रूप ले चुका है, जहां लोग अपनी आस्था और भक्ति को प्रकट करने आते हैं। सुनील कुमार देव ने महातीर्थ मुक्तेश्वर धाम नामक एक पुस्तक भी लिखी है, जिसमें उन्होंने मुक्तेश्वर धाम के बारे में विस्तार से वर्णन किया है।
