जन सुविधा मंच की आड़ में बीजेपी नेताओं की असभ्य हरकत – सुधीर कुमार पप्पू
जमशेदपुर समाजवादी चिंतक एवं सोनारी थाना शांति समिति के सचिव अधिवक्ता सुधीर कुमारपप्पू ने साकची थाना का घेराव करने वालों पर बरसते हुए कहा कि यह वास्तव में जन सुविधा मंच की आड़ में भाजपा नेताओं की असभ्य हरकत है। यदि भाजपा का इस तथाकथित सामाजिक संगठन जन सुविधा मंच से किसी प्रकार का सरोकार नहीं है तो बीजेपी के बड़े नेता वहां क्या कर रहे थे?

सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार जन सुविधा मंच वास्तव में सरकारी विभाग के पदाधिकारी पर दबाव बनाकर स्वार्थ सिद्धि का मंच है। सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार शहर के सभी बाजारों में अतिक्रमण है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता। लेकिन अतिक्रमण रोकने की पूरी जवाबदेही जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति की है क्योंकि सैरात की भूमि प्रबंधन उसके अधिकार क्षेत्र में है। क्या जन सुविधा मंच के नेताओं को यह नहीं मालूम यदि अतिक्रमणकारियों को पुलिस वहां से हटाती है तो उस पर यह आरोप मढ़ दिया जाता है कि वसूली के पैसे नहीं दिए गए इसलिए उन्हें हटाया जा रहा है। फिर बाजार एवं व्यापारियों की समस्याओं के संदर्भ के लिए ही चेंबर ऑफ कॉमर्स जैसी संस्था मौजूद है? और यदि कोई अनैतिक कार्य हो रहा है और जन सुविधा मंच के नेताओं के संज्ञान में है तो वैसे असामाजिक तत्वों का नाम सार्वजनिक करने से मंच के नेता डरते क्यों हैं।
सुधीर कुमार पप्पू के अनुसार यह तथ्य सामने आ चुका है कि जन सुविधा मंच के उन नेताओं की पैरवी नहीं सुनी गई, जो बीजेपी का हवाला देकर थाना प्रभारी पर धौंस जमाकर अपना स्वार्थ सिद्ध करना चाहते थे? पुलिस ने उन नेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सराहनीय कार्य किया है और इसके लिए वरीय पुलिस अधीक्षक एवं सभी विभागीय पदाधिकारी प्रशंसा के पात्र हैं। लोकतांत्रिक प्रक्रिया में धरना प्रदर्शन स्वाभाविक है लेकिन उसके लिए भी लिखित अनुमति का होना जरूरी है? भाजपा संगठन को जन सुविधा मंच के उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो सार्वजनिक रूप से खुद को भाजपा नेता बनकर सामने वाले पर प्रभाव डालते हैं? यदि कार्रवाई नहीं होती है तो इससे साफ संकेत जाएगा की जन सुविधा मंच बीजेपी का ही एक अनुसांगी इकाई है?