Tourism Prospects in Rajnagar block of Saraikella District- सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड में पर्यटन की संभावनाएं
रिपोर्ट- Dashrath Pradhan (CE)
दुनिया भर में पर्यटन को आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन का एक सशक्त माध्यम माना जाता है। कई एसे देश है जिसकी अर्थव्यवस्था पर्यटन पर टिकी हुई है इसकी सबसे अच्छी उदाहरण UAE है। जानकारी के अभाव से लोग अकसर ये कहते है कि दुबई कि काया पलट वहाँ मजूद बड़े-बड़े कच्चे तेल का भंडारण से हुआ है लेकिन रिपोर्ट्स के अनुसार दुबई की इकॉनमी में तेल का योगदान 1 प्रतिशत से भी कम है। दुबई जैसे सहर ने अपनी पूरी इकॉनमी को टूरिज्म पर शिफ्ट कर दी है, दुनिये के कोने-कोने से लोग यहाँ छुट्टी बिताने आते है और कुछ दिन की राजाओं से जीवन का आनन्द लेने के लिए मोटी रक़म खर्च करते है।
बात करे भारत की तो भारत में पर्यटन क्षेत्र देश के शीर्ष सेवा उद्योगों में से एक सबसे बड़ा सेवा उद्योग है। जहां इसका राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 6.23% और भारत के कुल रोज़गार में 8.78% योगदान है। भारत की हज़ारो साल पुरानी विरासत, सनातन धर्म से जुड़े प्राचीन मंदिर, हिल स्टेशंस और समुंदर के तटीय छेत्र विदेश के लोगो को भी आकर्षित करती है, बस कमी है तो सरकार की इस पर ध्यान। भारत अपनी सबसे बड़ी समस्या बेरोज़गारी को पर्यटन को बढ़ावा देकर ख़त्म कर सकती है।
सरायकेला ज़िला अंतर्गत ईचा राजपरिवार के सदस्य रिटायर्ड कर्नल दिनेश कुमार सिंहदेव ने एक रिपोर्ट पैश की जिस में उन्होंने विस्तार से ज़िला अंतर्गत राजनगर प्रखंड के ईचा छेत्र की पर्यटन संभावनाओं पर अपनी विचार रखी है। उनकी ये रिपोर्ट इंगलिश में है जिसका हिन्दी अनुवाद नीचे पढ़ सकते है
सरायकेला खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड में पर्यटन की संभावनाएं
खरखाई रिवर फ्रंट/The Kharkhai River Front
झारखंड के सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर ब्लॉक में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। ईचा में श्री श्री रघुनाथ जी महाप्रभु मंदिर को जिला प्रशासन द्वारा एक पर्यटन स्थल के रूप में अनुशंसित किया गया है और झारखंड सरकार के संस्कृति मंत्रालय के साथ सरकार की मंजूरी लंबित है, अहमदाबाद में साबरमती रिवरफ्रंट कि तरह खरखई रिवर फ्रंट जैसे स्थान हैं जिन्हें विकसित किया जा सकता है ।खरखाई रिवर फ्रंट एक उल्लेखनीय परिवर्तन से गुजर सकता है जहां बंजर भूमि और नदी के किनारों को एक हेरिटेज रिवरफ्रंट दिखाने के लिए विकसित किया जा सकता है। यह परियोजना क्षेत्र को पुनर्जीवित करेगी और पर्यटन को बढ़ावा देगी जो क्षेत्र के लोगों को आर्थिक रूप से ऊपर उठाएगी और झारखंड सरकार की पर्यटन नीति 2021 के अनुसार स्वरोजगार की गारंटी देगी।
नदी के किनारे का इलाक़ा तेजी से विकसित हो रही है। इलाकों के लोगों और चाईबासा, सरायकेला, जमशेदपुर आदि जैसे आसपास के शहरों के लोगों को तनावमुक्त करने और हरी-भरी प्रकृति और खारखाई के ताजे बहते पानी का आनंद लेने के लिए एक आदर्श क्षेत्र प्रदान करेगा। जॉगिंग-वॉकिंग पाथवे, पिकनिक स्पॉट और वेंडर जोन बनाए जा सकते हैं।स्थानीय पंचायत पार्किंग स्थलों को पट्टे पर देकर क्षेत्र के विकास के लिए राजस्व अर्जित कर सकती है। दिल्ली हाट की तरह ‘लोकल फॉर वोकल’ थीम के साथ स्थानीय बाजार स्थापित किए जा सकते हैं। माननीय मुख्यमंत्री श्री चंपई सोरेन जी के स्थानीय विधायक होने के कारण इस परियोजना की व्यवहार्यता एक उच्च प्राथमिकता हो सकती है।
इसके साथ ही पास की नोधा पहाड़ी को ट्रैकिंग और दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए वैष्णोव देवी की तरह एक मार्ग बनाकर विकसित किया जा सकता है। पहाड़ी की चोटी पर नोधा बाबा के दर्शन के लिए बड़ी भीड़ उमड़ेगी। ईचा में श्री श्री रघुनाथ जी महाप्रभु मंदिर और आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए नोधा टॉप से एक दृश्य एक बड़ा पर्यटक आकर्षण होगा। सितंबर के मध्य में नोधा हिल की तलहटी में आयोजित होने वाले ‘जंतला’ के स्थानीय उत्सव से लोगों को समृद्ध स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के बारे में जागरूक होने और बढ़ावा देना के लिए एक मौका मिलेगा।
इन स्थानों को विकसित करके और अपने लोगों को राहत प्रदान करके, सरकार एक महत्वपूर्ण पहलू को संबोधित करेगी जो कि अपने नागरिकों का मानसिक स्वास्थ्य है। एक सामाजिक पहल जिस पर अब तक देश की किसी भी राज्य सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। अनछुए स्थानीय क्षेत्रों में पर्यटन विकास की इस पहल से लोगों, समाज और सरकार को लाभ होगा।
An Article by- Colonel Dinesh Kumar Singh Deo of Icha Raj Pariwar