सरस्वती शिशु विद्या मंदिर महालीमोरूप में हर्षोल्लास के साथ गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाया गया .
सरायकेला :- रविवार को सरस्वती शिशु विद्या मंदिर महालीमोरूप के वंदना कक्ष में पूरे हर्षोल्लास के साथ गुरु पूर्णिमा का उत्सव मनाया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के प्रधानाचार्य योगेश कुमार प्रधान जी ने दीप प्रज्वलित कर किया।
ज्ञात हो कि विद्यार्थियों के जीवन में गुरु का विशेष स्थान है। गुरु की सेवा करने से हमें आगे बढ़ाने की प्रेरणा मिलती है। गुरुजी हमें आगे का रास्ता दिखाते हैं। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तिथि को महर्षि व्यास देव जी के जन्म दिवस के अवसर पर मनाया जाता है। उन्हें ही हम प्रथम गुरु के रूप में पूजा अर्चना करते हैं। उन्होंने वेदों की रचना की साथ ही महाभारत जिसे पंचम वेद भी कहा जाता है उस महाकाव्य का भी रचनाकार विश्व में नए ज्ञान की ज्योति जगाई।
कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि आर एस एस के बौद्धिक प्रबुद्ध सेवानिवृत्त शिक्षक गौर गोविंद साहा जी ने उपस्थित समस्त भैया बहनों एवं अभिभावकों को आशीर्वाद प्रदान किए। अपने आशीर्वचन में उन्होंने कहा कि हर वह शख्स जो नकारात्मक दिशा से सकारात्मक दिशा की ओर ले जाए वही गुरु है।गुरु के गोद में केवल निर्माण होते हैं। उनके पास प्रलय का कोई स्थान नहीं है। इस पावन अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य योगेश कुमार प्रधान जी ने सभी भैया बहनों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए कहा कि हमारे जीवन में गुरु का बहुत बड़ा योगदान है माता पिता हमारा पालन पोषण करते हैं परंतु हमारे व्यक्तित्व का निर्माण गुरु के द्वारा ही होता है।बिना गुरु का हर व्यक्ति इस संसार में दिशाहीन होता है।गुरु ही मनुष्य को पाशविक वृति से मानवीय दिशा की ओर ले जाने वाला होता है।इसलिए हमें गुरु का सम्मान करना चाहिए,उनकी आज्ञा का पालन करना चाहिए। अंत में प्रधानाचार्य जी ने धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया।मौके पर विद्यालय के सम्माननीय अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षक परम् पूज्य रामानाथ होता जी,उनकी धर्मपत्नी अनुराधा होता जी,आचार्य तपन कैवर्त जी , देवीदत्त प्रधान जी,दीदी रायश्री एवं सीमा जी , डाॅ सुबोध महतो जी, विकास गोप जी,गांधी हेम्ब्रम जी , हीरा लाल गोप जी, सुखदेव प्रधान जी, हिमांशु मंडल जी, पूर्व छात्र उज्जवल प्रमाणिक, अर्पित प्रधान, विपुल प्रधान एवम भैया बहनों व माताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही।