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एनडीए गठबंधन ने दूध वाले पर जताया भरोसा, जानिए दूध बेचने से लेकर एनडीए प्रत्याशी बनने तक का सफर

कोल्हान में एनडीए गठबंधन ने इस बार एक दूध बेचने वाले पर भरोसा जताया है। जी हाँ आपने सही सुना। आइए बताते हैं उस दूध वाले एनडीए प्रत्याशी की पूरी कहानी।

हम बात कर रहे हैं ईचागढ़ सीट की, जहां से इस बार एनडीए गठबंधन के तहत आजसू पार्टी के हरेलाल महतो को उम्मीदवार घोषित किया गया है। हरेलाल महतो जीवन की शुरुआत दूध बेचने से किया था। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के बगल में कांड्रा बाजार हैं, जहाँ आज भी कांड्रा की गलियों में हरेलाल महतो को दूध वाले के नाम से जाना जाता है। 90 के दशक में दूध बेचने का काम छोड़कर हरेलाल महतो अलग झारखंड आंदोलन में कूद पड़े थे।

उन दिनों पूर्व उपमुख्यमंत्री स्वर्गीय सुधीर महतो तथा तत्कालीन झामुमो प्रखंड अध्यक्ष स्वर्गीय भजोहरी महतो के नेतृत्व में चांडिल क्षेत्र में हरेलाल महतो एक सक्रिय आंदोलनकारी के रूप में अपना पहचान बनाया था। 1993 में अलग झारखंड की मांग पर किए गए आर्थिक नाकेबंदी को लेकर चांडिल थाना में स्वर्गीय भजोहरी महतो सहित हरेलाल महतो तथा कई आंदोलनकारी के नाम पर मुकदमा दर्ज किया गया था। कई दिनों तक फरार रहने के बाद हरेलाल महतो को जमानत मिल गया था, जिसके कारण वह जेल जाने से बच गए थे लेकिन उनके अन्य साथी गिरफ्तार कर लिए गए थे। फरारी के समय हरेलाल महतो को दलमा के बीहड़ जंगलों में कई रातें गुजारनी पड़ी थी। इस बीच आंदोलन के साथ साथ जीविका चलाने के लिए पत्थर व्यवसाय से जुड़। गए। यहीं से धीरे धीरे एक सफल व्यवसायी बनने की शुरुआत हुई। अलग झारखंड आंदोलन से लेकर सुधीर महतो के निधन तक सच्चे साथी का फर्ज अदा किया। हरेलाल महतो भले ही झामुमो के कार्यकर्ता नहीं थे लेकिन सुधीर महतो के समर्थक बनकर हर चुनाव में मदद करते थे। सुधीर महतो के निधन के बाद 2014 में भी सबिता महतो का समर्थन किया था लेकिन वह हार गई थी। 2014 से 2019 तक हरेलाल महतो ने ईचागढ़ विधानसभा के विभिन्न दलों के कार्यकर्ताओं और आम जनता के दुख को समझने का प्रयास किया। तब उन्हें महसूस हुआ कि जब तक ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र का कोई स्थानीय व्यक्ति विधायक नहीं बनेगा तब तक आम जनता और कार्यकर्ताओं को सम्मान नहीं मिलेगा। बस इसी के बाद जब समय आया 2019 चुनाव का तब हरेलाल महतो ने चुनाव लड़ने का मन बना लिया। हरेलाल महतो पहले तो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी किया था लेकिन ऐन मौके पर 2019 विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन टूटने के कारण आजसू पार्टी से टिकट मिल गया और आजसू उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े। 2019 का चुनाव भले ही जीत नहीं पाया था लेकिन पहली बार चुनाव लड़कर दूसरा स्थान प्राप्त कर बड़े बड़े धुरंधर को पटखनी दे दिया।

 

इस बार एनडीए गठबंधन ने हरेलाल महतो को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। हरेलाल महतो बड़े जिद्दी किस्म के इंसान हैं, ये भी उन्होंने साबित कर दिखाया है। 23 दिसंबर 2019 को चुनाव नतीजे आने के बाद 24 दिसंबर को हरेलाल महतो अपने चिलगु कार्यालय में बैठकर पूरे चुनाव खर्च का हिसाब किताब किया, सभी कार्यकर्ताओं व समर्थकों को फोन कर सांत्वना दिया और अगले दिन 25 दिसंबर से ही क्षेत्र में निकल गए। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता और आम जनता से बातचीत करने पर वे भी स्वीकार करते हैं कि बीते पांच साल में हरेलाल महतो के जैसा कोई भी नेता सक्रिय नहीं रहा। इस बार एनडीए गठबंधन की ओर से आजसू पार्टी ने हरेलाल महतो को अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। माना जा रहा है कि वर्तमान झामुमो विधायक सविता महतो को जबरदस्त चुनौती का सामना करना पड़ेगा।

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